नई दिल्ली। कांग्रेस ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के दो शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ उठाए गए कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी की आजादी में आखिरी कील ठोंक दी है और सवाल किया कि क्या यह कदम राफेल मामले को दबावे के लिए उठाया गया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को ट्वीट करके कहा, मोदी ने सीबीआई की आजादी में आखिरी कील ठोंक दी और इसी के साथ इस एजेंसी की विश्वसनीयता ,निष्पक्षता और ईमानदारी का अंत सुनिश्चित कर दिया गया।
सुरजेवाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने प्रमुख ‘मोदी मेड गुजरात मॉडल’ का सच्चा रंग दिखा दिया। उन्होंने कहा ,सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को प्रधानमंत्री सीधे बर्खास्त नहीं कर सकते थे इसलिए उन्हे चुपके से और गुप्त रूप से इस काम को अंजाम देना चाहते थे।
विभिन्न गंभीर आपराधिक मामलों की जांच में बाधा डालने की भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार की आदतों के कारण यह कदम उठाया गया है। क्या वर्मा को राफेल घोटाले की परत -दर- परत उधेड़ने में उत्सुक्ता दिखाए जाने के करण हटाया गया है? इसके बाद जो हुआ वह क्या सबकुछ ढ़कने के लिए एक ओछा कदम नहीं है?