नई दिल्ली। बीस महिलाओं द्वारा यौन शोषण का आरोप लगने के बाद विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने बुधवार को अचानक इस्तीफा दे दिया। अकबर मप्र से राज्यसभा सांसद हैं। यहां अगले महीने चुनाव होना हैं।
सूत्रों के अनुसार बीजेपी ने शुरू में अकबर पर लगे आरोपों को व्यक्तिगत मामला बताकर इस्तीफे के लिए दबाव नहीं बनाने का फैसला लिया था, लेकिन मप्र सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर सरकार को इस प्रकरण के कारण आलोचना झेलना पड़ रही थी उसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने अकबर से इस्तीफा देने को कहा।
एनएसए अजीत डोभाल ने अकबर से मुलाकात की थी और उन्हें पीएम मोदी की इच्छा बता दी थी। बुधवार को जिस तरह अचानक अकबर ने इस्तीफा दिया उससे साफ हो गया कि इसकी पटकथा मंगलवार को ही लिखी जा चुकी थी। पार्टी और सरकार दोनों ही अकबर के मुद्दे पर असहज हो रहे थे।
अंतत: यह माना गया कि इसे अकबर की व्यक्तिगत लड़ाई बताकर उनसे किनारा करना संभव नहीं है। महिलाओं के विरूद्ध सरकार नहीं है, यह संदेश भी देना था। अकबर ने जिस तरह केस किया, उससे भी ऐसा संदेश गया कि सरकार की आड़ में अकबर 20 महिलाओं के खिलाफ कानूनी लड़ाई का दबाव बना रहे हैं।