नई दिल्ली। जलवायु परिवर्तन पर दुनिया की सबसे बड़ी समीक्षा रिपोर्ट में भारत के लिए बड़ी चेतावनी दी गई है। इसमें बताया गया है कि यदि दुनिया का तापमान 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ता है तो भारत को 2015 की तरह जानलेवा गर्म हवाओं का सामना करना पड़ेगा, जिसमें कम से कम 2,500 लोग मारे गए थे।
यह रिपोर्ट सोमवार को क्लाइमेट चेंज पर इंटरगवर्नमेंटल पैनल (आईपीसीसी) की ओर से जारी की जाएगी। उधर, यूके स्थित क्लाइमेट साइंस वेबसाइट कार्बनब्रीफ द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार भारत के चार बड़े मेट्रोज- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता का औसत तापमान पिछले 147 वर्षों के दौरान एक डिग्री या इससे ज्यादा बढ़ा है। आपको बता दें कि इस साल दिसंबर में पोलेंड में क्लाइमेंट चेंज पर होने जा रही बैठक में रिपोर्ट के अनुमानों पर चर्चा होगी।
यहां सरकारें क्लाइमेट चेंज को रोकने के लिए पेरिस अग्रीमेंट की समीक्षा भी करेंगी। सबसे बड़े कार्बन उत्सर्जक देशों में होने की वजह से भारत इस ग्लोबल इवेंट में अहम किरदार निभा सकता है। तापमान में वृद्धि को लेकर खतरे की घंटी बजाते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि औसत वैश्विक तापमान 2030 तक 1.5 डिग्री (प्री-इंडिस्ट्रियल लेवल से अधिक) के स्तर तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'यदि तापमान इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो ग्लोबल वॉर्मिंग 2030 से 2052 के बीच 1.5 डिग्री सेल्यिस तक बढ़ सकता है।'
कोलकाता को ज्यादा खतरा: आईपीसीसी
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय उपमहाद्वीप में कोलकाता और पाकिस्तान के कराची में गर्म हवाओं का सबसे अधिक खतरा है। कोलकाता और कराची में वार्षिक परिस्थिति 2015 की तरह हो सकती है। गर्म हवाओं से होने वाली मौतों में वृद्धि हो रही है और इसमें क्लाइमेंट चेंज की बड़ी भूमिका है।