नई दिल्ली। रुस की कंपनियों को रक्षा उत्पादन, परमाणु, ऊर्जा, फार्मा, बुनियादी ढ़ांचे और आईटी क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में कारोबारी संभावनाओं का लाभ लेने के लिए रुसी उद्योग को आगे आना चाहिए।
मोदी ने यहां भारत- रुस के उद्योगपतियों की एक संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और रुस के संबंध में अब र्क्रेता - विक्रेता से आगे बढ़ चुके हैं इसलिए रुसी उद्योगों को भारत में उत्पादन के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत रुसी कंपनियां भारतीय उद्योगों के साथ संयुक्त रुप से भारत में विनिर्माण कर सकती हैं और कम उत्पादन लागत तथा व्यापक संभावनाओं का लाभ ले सकती हैं। इस अवसर पर रुस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी मौजूद थे।
पिछले चार साल के दौरान किए गए आर्थिक सुधारों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के संबंध सदियों पुराने हैं और ये आपसी विश्वास एवं समझ पर टिके हैं। रुसी उद्योगपतियों के लिए भारत में एक प्रणाली स्थापित की गई है जिसमें उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जाता है। उन्होंने भारत की सामाजिक आर्थिक प्रगति में रुस के योगदान को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ रही है। यह छठीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्दी ही पहली पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगी।