नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने किसी मामले की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष उल्लेख (मेन्शनिंग) की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश के तौर पर कामकाज संभालते ही न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने सोमवार को कहा कि मेन्शनिंग की प्रक्रिया के लिए पहले पैरामीटर तय किए जाएंगे और उसी के अनुरूप किसी याचिका की त्वरित सुनवाई का निर्धारण किया जाएगा। तब तक केवल जिन्दगी और मौत से सम्बद्ध मामलों पर ही त्वरित सुनवाई होगी।
न्यायमूर्ति गोगोई ने उस वक्त यह बात कही, जब वकील मैथ्यू जे नेदुम्परा ने मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने के लिए उन्हें बधाई दी और एक मामले की त्वरित सुनवाई का आग्रह करते हुए मामले का विशेष उल्लेख किया। वकील की बधाई पर न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, मि. नेदुम्परा, हमें बधाई की जरूरत नहीं। आप मेन्शन करने के आये हैं न? लेकिन जब तक पैरामीटर नहीं बन जाता तब तक कोई मेन्शनिंग मंजूर नहीं होगी। उसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई शुरू कर दी। उन्होंने सुनवाई के क्रम में यह स्पष्ट कर दिया कि मामले में पास-ओवर भी नहीं मिलेगा।