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एलओसी से करीब 5-7 किमी अंदर बने हैं आतंक के नए ठिकाने

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 29 2018 10:04AM | Updated Date: Sep 29 2018 10:04AM
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नई दिल्ली। दो साल पहले 29 सितंबर 2016 को भारतीय फौज ने साहस का वो परिचय दिया था जिसके बाद पूरी दुनिया दंग थी। एलओसी पार कर भारतीय फौज के कमांडो ने आतंकियों के ठिकाने को ध्वस्त कर दिया था। पाकिस्तान से सटी सीमा को महफूज रखने के लिए भारत सरकार ने स्मार्ट फेंसिंग पर काम करने का फैसला किया। कुछ दिनों पहले गृहमंत्री राजनाथ सिंह से जम्मू के कठुआ सेक्टर में स्मॉर्ट फेंसिंग को देश को समर्पित किया।
 
स्मार्ट फेंसिंग और सीमा पार आतंकवाद पर बोलते हुए बीएसएफ के डीजी ने कहा कि आतंकियों का मुकाबला करने के लिए हम सक्षम हैं। इसके साथ ही उन्होंने स्मॉर्ट फेंसिंग और आतंकियों के लॉन्चिंग पैड के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और बेहतरीन नतीजे सामने आएंगे। बीएसएफ के डीजी के के शर्मा ने कहा कि इसमें दो मत नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय सीमा और लाइन आॅफ कंट्रोल के पास आतंकियों के कई लॉन्चिंग पैड्स हैं। कुछ लॉन्चिंग पैड्स अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज पांच से सात किमी की दूरी पर है और कुछ पैड्स इंटरनेशनल बॉर्डर से और अंदर हैं। 
 
अभी सिर्फ 11 किमी फेंसिंग वाल
सीआईबीएमएस या यूं कहें कि स्मॉर्ट फेंसिंग वाल के बारे में उन्होंने कहा कि ये तकनीक पूरी तरह सुरक्षित है। ये बात सच है कि अभी सिर्फ 11 किमी में स्मॉर्ट फेंसिंग लगाई गई है। लेकिन पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ भारत की करीब 6500 किमी सीमा लगती है। आने वाले समय में देश की सीमा पूरी तरह सुरक्षित होगी। उन्होंने कहा कि स्मॉर्ट फेंसिंग की उपयोगिता पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। घुसपैठ की चुनौती से निजात पाने की दिशा में ये बेहतर कदम है।
 
रोहिंग्याओं के मुद्दे पर बीएसएफ के डीजी के के शर्मा ने कहा कि हमने कामयाबी के साथ उनकी घुसपैठ को रोका है। ये बात अलग है कि छोटे छोटे समूहों में रोहिंग्या भारतीय सीमा में दाखिल होने की कोशिश करते हैं लेकिन उन कोशिशों को नाकाम कर दिया जाता है। ये एक गंभीर और सतत प्रक्रिया है।

 

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