मुंबई। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नक्सल कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तारी के बाद नजरबंद किए गए एक्टिविस्ट्स को लेकर लगातार आलोचना झेल रही भाजपा शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से फ्रंटफुट पर आ गई है। कांग्रेस इन गिरफ्तारियों के लेकर सरकार पर लगातार हमले कर रही थी। इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने पांचों एक्टिविस्ट्स की तुरंत रिहाई और इस प्रकरण की एसआईटी जांच के गठन की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था। इस फैसले के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला। वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हम फैसले का स्वागत करते हैं।
जांच के आधार पर पुणे पुलिस को जो सबूत मिले हैं उसे स्वीकार किया गया और सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह मामले में दखल नहीं दे सकता है। ' उन्होंने आगे कहा 'वे देश में गृहयुद्ध छेड़ने का प्रयास कर रहे थे। वे नक्सलियों का बचाव करते थे और पीएम मोदी को मारना चाहते थे। अब सबकुछ सामने आ गया है।'
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए फडणवीस ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने यह स्वीकार किया कि इसमें किसी तरह की राजनीतिक दखंलदाजी नहीं थी और यह विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास नहीं था। यह पुणे पुलिस और देश की जीत है। वे (एक्टिविस्ट्स) ऐसा कई वर्षों से कर रहे थे लेकिन उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं था, इसलिए जांच पूरी नहीं हो सकी।'
आपको बता दें कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस ऐक्टविस्ट्स वरवरा राव, अरुण फरेरा, वरनान गोन्साल्विज, सुधा भारद्वाज और गौतम नवलखा की नजरबंदी पर कहा है कि ये गिरफ्तारियां राजनीतिक असहमति की वजह से नहीं हुई हैं। कोर्ट ने सभी की हिरासत अवधि चार हफ्ते तक बढ़ा दी है।