नई दिल्ली। केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 साल से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक को सुप्रीम कोर्ट ने गलत माना है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा का मानना है कि देश में प्राइवेट मंदिर का कोई सिद्धांत नहीं है। यह सार्वजनिक संपत्ति है। इसमें यदि पुरुष को प्रवेश की इजाजत है तो फिर महिला को भी जाने की अनुमति मिलनी चाहिए।
संविधान पीठ ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिस पर अब शुक्रवार 28 सितंबर को कोर्ट की तरफ से फैसला आना है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए पूछा था कि क्या महिलाओं को उम्र के हिसाब से प्रवेश देना संविधान के मुताबिक है?