नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने ट्रेन में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के लिए तीन साल जेल की सजा का प्रस्ताव किया है। बल के आधिकारिक सूत्रों ने रेलवे अधिनियम में संशोधन संबंधी प्रस्ताव में इस प्रावधान को शामिल करने की पुष्टि की। बल ने रेलवे अधिनियम मे संशोधन करने का प्रस्ताव दिया है। अगर यह मंजूर हो जाता है, तो एक महिला की अस्मिता को ठेस पहुंचाने के लिए सजा तीन साल हो जाएगी। यह भारतीय दंड़ संहिता (आईपीसी) में उल्लेखित अधिकतम एक साल की सजा से अधिक होगी।
रेलगाड़ियों में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के मद्देनजर आरपीएफ ने रेलवे अधिनियम में शामिल करने के लिए कुछ प्रावधानों का प्रस्ताव दिया है। इसमें राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) की मदद के बिना इस तरह के आरोपियों को पकड़ने का अधिकार आरपीएफ को देने का प्रस्ताव भी शामिल है।
हर बार ऐसे मामले सामने आते हैं जहां महिला पर हमला किया गया या पुरुष, महिलाओं के डिब्बों में यात्रा कर रहे हैं। लेकिन इनसे निपटमें में जीआरपी की मदद लेनी पड़ती है, क्योंकि रेलवे अधिनियम में इस तरह के अपराधों से निपटने के लिए कोई प्रावधान नहीं है। नए संशोधन से इसकी जरूरत नहीं रह जाएगी।
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने बताया था कि रेलगाड़ियों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या 2014-2016 के दौरान 35 प्रतिशत तक बढ़ी है। 2014-2016 के दौरान रेलगाड़ियों में महिला यात्रियों के खिलाफ अपराध के 1,607 मामले सामने आए। 2014 में इस तरह के 448 मामले, 2015 में 553 और 2016 में 606 मामले दर्ज हुए।
जुर्माना बढ़ाने की भी मांग
आरपीएफ ने महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले पुरुषों के लिए जुर्माने की राशि को भी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। जुर्माना 500 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।