नई दिल्ली। प्राकृतिक अवस्था वाले खाद्य पदार्थों यानी 'लाइव' अथवा 'रॉ फूड' से कायाकल्प करने वाली उम्रदराज अमेरिकी सेलिब्रिटी एनेट लारकिंस छरहरी काया में किशोरियों को भी मात देती हैं। 'उम्र तो बस एक संख्या है' की कहावत को चरितार्थ करने वाली लारकिंस विश्वभर में 'रॉ क्वीन' के नाम से मशहूर हैं।
इक्कीस साल की उम्र में पूर्ण शाकाहारी बनने और उसके 10 वर्ष के बाद डेयरी पदार्थों से भी पल्ला झाड़ने वाली फ्लोरिडा के मियामी की लारकिंस ने कहा, 'आपके महान शायर दुष्यंत कुमार की शायरी कि यह पंक्ति - 'कौन कहता है कि आसमान में सुराख नहीं हो सकता, तबीयत से एक पत्थर तो उछालो यारो', मेरे जीवन का मूल मंत्र है। इसी मंत्र की वजह से मैंने रॉ फूड और ताजा फलों के जूस से उम्र के प्रभाव की रफ्तार कम करने में सफलता पायी है।'
डर पर विजय पाने का लिया संकल्प
लारकिंस ने कहा, 'कैंसर से कम उम्र में मां और दादी को मरते देखने के बाद इस बीमारी का डर मेरे दिल में घर कर गया था। मैंने इस डर पर विजय पाने का दृढ़ संकल्प लिया और निकल पड़ी एक ऐसे सफर पर जो एक बूचड़खाने के मालिक की पत्नी और दो छोटे बच्चों की मां के लिए कठिन और चूनौतीपूर्ण था।' पति के सामने उनकी पोती नजर आने वाली लारकिंस ने कहा कि अब तो उनके दोनों बच्चे और पति भी उनकी प्रशंसा करते हैं और उनका अनुगमन करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस यात्रा में संयम, दृढ़ विश्वास, लगन एवं हर हाल में सकारात्मक सोच के बिना मंजिल तक पहुंचना आसान नहीं है।
'जब तक दुनिया में हो, स्वस्थ रहो'
यह पूछने पर कि वह बेहद आशावादी और सकारात्मक सोच वाली हैं और यह गुण उनमें युवा अवस्था से लेकर अब तक बना हुआ है, यह कैसे संभव हुआ,उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि जब तक इस दुनिया में रहो, स्वस्थ रहो और किसी पर किसी तरह का भार नहीं बनो। मरना तो एक दिन हम सभी को है लेकिन मैं दुनिया छोड़ने की बात पर ध्यान नहीं देती हूं बल्कि ऐसा काम करती हूं जिससे जब तक जीवित रहूं, खुश रहूं, स्वस्थ रहूं और दूसरों को भी अपनी मेहनत से अर्जित व्यावहारिक ज्ञान से लाभान्वित करूं।'
पीएम मोदी से पूछे सवाल
लारकिंस ने कहा कि जिस तरह से भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल से 21 जून को विश्वभर में योग दिवस के रूप में मनाया जाता है और दुनिया के कोने-कोने में लोग योग को अपना रहे हैं, उसी तरह लोगों को स्वस्थ रहने के लिए 'लाइव फूड' के प्रति जागरुक बनाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि 'मैं मोदी जी तक अपनी बात पहुंचाना चाहती हूं कि हम दोनों मिलकर विश्व को स्वास्थ्य जीवन का मंत्र दे सकते हैं। साथ ही, वह मुझे योग की पाठ पढ़ा सकते हैं और मैं उनके साथ लिविंग फूड का 'अमृत-ज्ञान' साझा कर सकती हूं।'
स्वस्थ रहने का मंत्र
रॉ फूड को डिवाइन फूड करार देने वाली लारकिंस ने कहा, 'हमें डॉक्टर से दूर रहने के लिए डिवाइन भोजन के साथ-साथ डिवाइन ड्रिंक, जरूरत के अनुसार आराम और सकारात्मक सोच के अलावा चराचर के मालिक के प्रति नतमस्तक रहना चाहिए। साथ ही मेहनत से अर्जित ज्ञान के प्रकाश से औरों को भी प्रकाशित करने का ध्येय रखना हम सभी का परम कर्तव्य है।'