नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर होने वाले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को मध्यप्रदेश की 22 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। बसपा अब प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी। बसपा सुप्रीमो ने भिंड, सबलगढ़, सिरमौर, अंबाह, सेवड़ा, करैरा, चंदला समेत 22 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम की पहली सूची जारी कर दी है। बसपा की इस सूची के सामने आने के बाद कमलनाथ के बसपा के साथ गठबंधन को लेकर दिए गए तमाम बयानों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
मौजूदा चार में से तीन विधायकों को टिकट
बसपा के मध्यप्रदेश प्रभारी रामअचल राजभर ने जिन 22 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, उसमें मौजूदा चार विधायको में से तीन को फिर से टिकट दिया है। मुरैना के दिमनी विधानसभा से बसपा विधायक बलवीर सिंह दंडोतिया का नाम लिस्ट में नहीं है। तीन विधायक शीला त्यागी, ऊषा चौधरी, सत्य प्रकाश शंखवार को फिर टिकट मिला है। खास बात सूची उन विधानसभा क्षेत्रों की जारी की गई है, जहां बसपा का प्रभाव ज्यादा है।
इन 22 को मिला टिकट
सबलगढ़ से लाल सिंह केवट, अंबाह से सत्य प्रकाश, सेवड़ा से लाखन सिंह यादव, भिंड से संजीव सिंह कुशवाहा, करैरा से प्रगति लाल यादव, अशोकनगर से बालकृष्ण महोबिया, चंदला से पुष्पेंद्र अहिरवार, पथरिया से रामबाई परिहार, जबेरा से बेलन सिंह धुर्वे, रैगांव से उषा चौधरी विधायक, अमरपाटन से छंगेलाल कोल, रामपुर बाघेलान से रामलखन सिंह पटेल,सिरमौर से राम गरीब कोल, सिमरिया से पंकज सिंह पटेल, देवतालाब से सीमा सिंह, मनगवां से शीला त्यागी, चितरंगी से अशोक पैगाम, धोहनी से अवध प्रताप सिंह, जैतपुर से मोहदल सिंह पाव, बांधवगढ़ से शिव प्रसाद कोल, बोहरीबंदी से गोविंद पटेल, सिहोरा से बबीता गोटिया।
बसपा का प्रभाव
प्रदेश में करीब 40 ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां पर बसपा का प्रभाव है।
1990 में उत्तरप्रदेश से निकलकर बसपा ने पहली बार मध्यप्रदेश के चुनावी समर में कदम रखा था।
प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी का विंध्य, बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रभाव है।
2013 के चुनाव में बसपा के खाते में चार सीटें आईं थीं।
इसमें 62 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां बसपा को 10 हजार और 17 सीटों पर 30 हजार वोट मिले थे।
प्रदेश में सुमावली, जौरा, वारासिवनी, सबलगढ़, दिमनी, अंबाह, मुरैना, भिंड, रामपुर बघेलान, सतना, रीवा, सेमारिया, महाराजपुर, पन्ना, देवतालाब, अशोकनगर, रेगांव, चित्रकूट, मैहर, अमरपाटन, नागौद, अटेर, लहार, कटंगी, जतारा, चुरहट, सिरमौर, त्यौंथर, चितरंगी. देवसर और सिंगरौली में बसपा का प्रभाव है।
छत्तीसगढ़ में जोगी की पार्टी से गठबंधन
छत्तीसगढ़ में मायावती अजीत जोगी की पार्टी का हाथ थामने को तैयार हैं। मायावती अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस का आगामी चुनावों में साथ देंगी। छत्तीसगढ़ में विधानसभा की कुल 90 सीटे हैं। मायावती ने कहा कि जीत होती है तो अजीत जोगी मुख्यमंत्री होंगे।
बसपा 35 पर सीटों पर लड़ेगी
दोनों पार्टियों के बीच तय फॉमूर्ले के मुताबिक मायावती की बहुजन समाज पार्टी 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि अजीत जोगी की पार्टी 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। कहा जा रहा है कि मायावती के इस ऐलान एक बाद कांग्रेस को झटका लगा है और छग और मप्र में राजनीति गर्म हो गई है।