नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पुणे पुलिस से पांचों गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के माओवादियों के साथ संबंध को लेकर सवाल किया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पुणे पुलिस एक दस्तावेज दिखाए जो माओवादियों के साथ गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के संबंध को दिखाते हों।
बता दें कि 26 अगस्त को अधिवक्ता और ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता सुधा भारद्वाज, तेलुगु कवि पी वरवरा राव, कार्यकर्ता गौतम नवलखा, अरुण फरेरा, वेरॉन को माओवादियों के साथ संबंध रखने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कुछ और सबूत पेश करने के लिए कोर्ट से मोहलत मांगी थी।
इसी के साथ सुनवाई में केंद्र की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट को आरोपियों की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर पिटिशन को महत्व नहीं देना चाहिए। वहीं, महाराष्ट्र पुलिस का बचाव करते हुए केंद्र के पक्षकार ने कोर्ट में कहा कि आरोपियों को भीमा कोरेगांव हिंसा में शामिल होने के शक में गिरफ्तार किया गया है।