नई दिल्ली। विजय माल्या और अरुण जेटली की कथित मुलाकात के बाद देश की सियासत गर्म है। कांग्रेस लगातार सरकार पर आरोप लगा रही है कि माल्या को भगाने में सरकार द्वारा मदद की गई। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसी मुद्दे को लेकर इस बार सीधे प्रधानमंत्री पर हमला करते हुए कहा है कि यह समझ से परे है इतने बड़े मामले में पीएम की अनुमति के बिना सीबीआई ने लुकआउट नोटिस बदला होगा।
करोड़ों रुपये के बैंक लोन फ्रॉड मामले के आरोपी विजय माल्या ने हाल ही में लंदन के कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद विजय माल्या ने कहा था कि देश छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी। माल्या के इस बयान के बाद कांग्रेस लगातार भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला बोल रही है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'सीबीआई ने बड़ी खामोशी के साथ 'डिटेन' नोटिस को 'इन्फॉर्म' नोटिस में बदल दिया जिससे माल्या देश से बाहर भाग सका। सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। ऐसे में यह समझ से परे है कि इतने बड़े और विवादित मामले में सीबीआई ने प्रधानमंत्री की अनुमति के बगैर ही लुकआउट नोटिस बदला होगा।'गुरुवार को भी राहुल गांधी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से सवाल किया कि उन्होंने यह जानते हुए कि माल्या आर्थिक अपराधी है, उसे देश छोड़कर जाने क्यों दिया।
उन्होंने इस बारे में जांच एजेंसियों को सूचित क्यों नहीं किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने माल्या और जेटली के बीच 'मिलीभगत' का आरोप लगाया।वहीं वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था। जेटली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद-भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था।