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दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनाव में एबीवीपी ने अध्यक्ष समेत 3 सीट जीती

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 14 2018 10:37AM | Updated Date: Sep 14 2018 10:41AM
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नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ (डूसू) चुनाव के नतीजे गुरुवार को घोषित हो गए हैं। इसमें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को 3 और नैशनल स्टूडेंट्स यूनियन आॅफ इंडिया (ठरवक) को एक सीट पर जीत मिली है। इसमें अध्यक्ष पद पर अंकिव बेसौया (अइश्ढ), उपाध्यक्ष पद पर शक्ति सिंह (अइश्ढ), सचिव पद पर आकाश चौधरी (ठरवक) और सह सचिव पर ज्योति चौधरी (अइश्ढ) को जीत मिली। बता दें कि डूसू के लिए 12 सितंबर को डीयू के कॉलेजों में 52 केंद्रों पर 44.66 प्रतिशत मतदान हुआ था।
 
पिछले साल यह 43 फीसदी था। इस साल छात्र चुनाव में कांग्रेस की स्टूडेंट विंग ठरवक ने सनी छिल्लर, लीना, आकाश चौधरी और सौरभ यादव को उतारा था। वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अइश्ढ) ने अंकिव बैसोया, शक्ति सिंह, सुधीर डेढ़ा, ज्योति चौधरी को टिकट दिया था। वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) की छात्र इकाई छात्र युवा संघर्ष समिति ने वामपंथी छात्र संगठन अखिल भारतीय छात्र संघ (आइसा) के साथ गठबंधन किया था। इन्होंने अभिज्ञाम, अनशिका, चंद्रमणि और सनी तंवर को उम्मीदवार बनाया था। 
 
किसको कितने वोट 
अध्यक्ष पद के लिए अइश्ढ के अंकिव बेसौया को मिले 20467 वोट, जबकि ठरवक के सनी छिल्लर को 18743 वोट मिले। उपाध्यक्ष पद के लिए अइश्ढ के शक्ति सिंह को मिले 23046 वोट , जबकि ठरवक की लीना को 15373 को वोट मिले। सचिव के पद पर ठरवक के आकाश चौधरी को मिले 20198 वोट, जबकि अइश्ढ के सुधीर डेढ़ा को मिले 14019 वोट। संयुक्त सचिव के लिए अइश्ढ की ज्योति चौधरी को मिले 19553 वोट, जबकि ठरवक के सौरभ यादव को 14381 वोट मिले।
 
नोटा का पावर
अध्यक्ष के चुनाव में 6211 वोट नोटा को मिला, जबकि उपाध्यक्ष पद के लिए 6435 वोट नोटा को मिले। सचिव पद के लिए 6810 वोट और संयुक्त सचिव पद के लिए 8273 वोट नोटा को मिले।
 
हंगामे के बाद रुकी थी गिनती 
वोटों की मतगणना के बीच हंगामे के बाद काउंटिंग को कुछ घंटों के लिए टाला भी गया था। यह हंगामा ह्यईवीएम मशीनों में गड़बड़ीह्ण होने के बाद शुरू हुआ था। कथित ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी के बाद, कांग्रेस से जुड़े संगठन एनएसयूआई ने नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की जबकि एबीवीपी ने मतगणना फिर से शुरू कराने को कहा। बाद में, सभी उम्मीदवारों ने मतगणना फिर से शुरू करने पर सहमति जताई। इससे पहले दोनों समूहों के समर्थकों ने दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और मतगणना केन्द्र के अंदर हंगामा किया। 
 
चुनाव आयोग ने बनाई ईवीएम से दूरी 
ईवीएम पर गरमाए विवाद के बाद इलेक्शन आॅफिसर (ईवीएम) ने कहा कि उन्होंने डीयू चुनाव के लिए ईवीएम मशीनें नहीं दी थीं। जारी बयान में कहा गया, 'हमारी तरफ से दिल्ली यूनिवर्सिटी को ईवीएम मशीन नहीं दी गई। राज्य के चुनाव आयोग ने भी इस बात की पुष्टि की है कि उन्होंने कोई मशीन नहीं दी। लगता है दिल्ली यूनिवर्सिटी ने ये मशीनें कहीं से खुद खरीद ली हैं।' 
 
बता दें कि पिछले साल दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनावों में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अइश्ढ) को बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस की स्टूडेंट विंग ठरवक ने प्रेजिडेंट, वाइस प्रेजिडेंट पद पर कब्जा किया था। अइश्ढ सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी की सीट बचाने में कामयाब रही थी। साल 2017-18 में ठरवक के रॉकी तुसीद, कुनाल सेहरावत और अइश्ढ के महामेधा नागर और ऊमा शंकर जीते थे। इससे पहले अइश्ढ चार साल से अध्यक्ष पद पर काबिज थी। 
 
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