नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 'शेर और कुत्ते' वाले बयान की आलोचना करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ई-इत्तेहादुल मुस्लेमिन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को कहा कि यह संगठन भारत के संविधान में विश्वास नहीं करता है।
ओवैसी का ये बयान आरएसएस प्रमुख भागवत के उस बयान के बाद आया है जब उन्होंने शिकागो में आयोजित विश्व हिंदू सम्मेलन में कहा था कि 'अगर शेर अकेला हो तो जंगली कुत्ते उस पर हमला कर देते हैं और उसका विनाश कर देते हैं। हमें इसे नहीं भूलना चाहिए।'
भागवत के इस बयान को लेकर जब ओवैसी से पूछा गया तो उन्होंने सवालिया लहजे में उत्तर दिया कि- 'तो यहां कौन शेर है और कौन कुत्ता है? भारतीय संविधान हर किसी को इंसान मानता है औऱ संविधान में किसी को कुत्ते और शेर की संज्ञा नहीं दी गई है। आरएसएस की समस्या ये है कि यह संगठन भारतीय संविधान पर विश्वास नहीं करता है।'
ओवैसी यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि 'आरएसएस का ये अजीब तरीका है कि वह लोगों को कुत्ते का दर्जा देकर उनका अपमान करते हैं और खुद को शेर बताते हैं। आरएसएस की ये भाषा 90 सालों से चली आ रही है और इसलिए मैं इससे आश्चर्यचकित नहीं हूं। भारत की जनता इस तरह की भाषा को कभी स्वीकार नहीं करेगी।'