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धारा 377 पर SC का ऐतिहासिक फैसला, कहा - समलैंगिकता अब अपराध नहीं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 6 2018 10:43AM | Updated Date: Sep 6 2018 12:06PM
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नई दिल्ली। समलैंगिक संबंध अपराध है या नहीं इस पर फैसला करते हुए आज सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, समलैंगिकता अब अपराध नहीं है। CJI दीपक मिश्रा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, समलैंगिकों को सम्मान के साथ जीने का पूरा अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट में आज 5 जजों की बेंच ने आईपीसी की धारा 377 की संवैधानिक वैधता पर अपना फैसला सुनाया। फैसला सुनाते हुए मुख्य न्यायधीश ने कहा कि, LGBT समुदाय के अधिकार भी देश के अन्य सामान्य नागरिकों की तरह, देश के हर नागरिक के अधिकारों की सम्मान सबसे बड़ी मानवता, Gay Sex को दंडनीय अपराध बताना तर्कहीन। इस फैसले के बाद भारत दुनिया के उन देशों में शुमार हो गया है जिसने समलैंगिकता को मान्यता दी है।
 
आईपीसी की धारा 377 अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध मानती है। इसके तहत पशुओं के साथ ही नहीं बल्कि दो लोगों के बीच बने समलैंगिक संबंध को भी अप्राकृतिक कहा गया है। इसके तहत उम्रक़ैद या जुर्माने के साथ 10 साल तक की सज़ा का प्रावधान है। इसी व्यवस्था के खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत में कई याचिकाएं दायर की गई हैं और धारा 377 को गैरकानूनी और असंवैधानिक घोषित करने की मांग है।
 
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