नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पिछले एक साल में विदेश यात्राओं के दौरान 12 लाख 57 हजार रुपए कीमत के 168 उपहार मिले। इन महंगे उपहारों में फाउंटेन पेन, सेलेंगर लिमिटेड एडिशन पट्टिका, मो ब्लॉ की कलाई घड़ी, टी-सेट, चीनी मिट्टी के बर्तन, मंदिर व चैत्य की प्रतिकृतियां, विष्णु-लक्ष्मी व भगवान गणेश की प्रतिमा, पेंटिंग, कालीन, बुलेट ट्रेन का मॉडल, फोटोग्राफ और पुस्तकें आदि शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय के तोषखाना विभाग के मुताबिक जुलाई 2017 से जून 2018 के बीच पीएम मोदी को विदेश यात्राओं के दौरान 168 तोहफे मिले। इस अवधि में प्रधानमंत्री ने इस्राइल, जर्मनी, चीन, जार्डन, फिलिस्तीन, यूएई, रूस, ओमान, स्वीडन, ब्रिटेन, इंडोनेशिया, मलेशिया, सिंगापुर समेत 20 देशों की यात्राएं की। पीएम मोदी को मिले तोहफे में सबसे कीमती उपहार रॉयल सेलेंगर लिमिटेड एडिशन चांदी की पट्टिका है, जिसकी कीमत दो लाख 15 हजार रुपये बताई गई है। समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक प्रधानमंत्री को मिले उपहारों में मो ब्लॉ की कलाई घड़ी भी शामिल है।
पीएम मोदी को उपहार में मिला खंजर
पीएम मोदी को विदेश यात्रा के दौरान एक खंजर भी उपहार के रूप में मिला, जिसकी कीमत 20 हजार रुपए बताई जा रही है। उनको दो बार म्यान सहित तलवारें भी तोहफे में मिली हैं। मोदी को पिछले एक वर्ष में विदेश यात्रा के दौरान महाभारत की प्रति, योग मैट (चटाई), चांदी की कटोरी, मुक्तिनाथ और पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति, एशियाई खेल-2018 के शुभंकर से जुड़ा खिलौना, अमृत कलश, धातु का ट्रे, लकड़ी का बना श्रीलंकाई हाथी, क्रिस्टल का कटोरा, चीन की प्राचीन चाइम घंटी की प्रतिकृति, शॉल, गरूड़ विष्णु की धातु निर्मित मूर्ति, कंबल, मफलर, कार्डिगन जैसे उपहार मिले।
विदेश यात्राओं के दौरान मेजबान देशों द्वारा पीएम मोदी को कल्चरल शॉक, गार्डन आफ अस्ताना, रूसी भाषा की एक पुस्तक, बाल्मिकी रामायण का एक सेट, बेलारूस की धरोहर पर एक पुस्तक भेंट की गई। इसके अलावा उन्हें डालफिन की पेंटिंग, बच्चों की बनाई पेंटिंग, चांदी की कटोरी, महोगनी की लकड़ी की ट्रे, ग्लास, चाय की केतली जैसे तोहफे भी मिले।
तोषखाना में जमा किए जाते हैं 5 हजार से ज्यादा कीमत के विदेशी उपहार
विदेशी अभिदाय विनियमन अधिनियम-2010 के अनुसार जब किसी भारतीय प्रतिनिधिमंडल के किसी सदस्य को दान या भेंट के माध्यम से विदेशी संपत्ति प्राप्त होती है, तो उसे ऐसे दान या भेंट मिलने के तीन दिन के भीतर संबंधित मंत्रालय या विभाग को देनी होती है। मूल्य पांच हजार रुपये से अधिक होता है, तो ऐसे दान या भेंट को बाजार मूल्य के निर्धारण के लिए विदेश मंत्रालय के तोषखाना में भेजा जाता है। बाजार मूल्य पांच हजार रुपये से कम होने की स्थिति में वह संबंधित व्यक्ति को वापस दे दिया जाता है और पांच हजार से अधिक मूल्य होने पर उसे जमा कर लिया जाता है।