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बायोफ्यूल से प्लेन उड़ाएगा भारत, पहला विकासशील देश बनेगा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 25 2018 9:56AM | Updated Date: Aug 25 2018 9:56AM
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नई दिल्ली। भारत की एविएशन इंडस्ट्री के लिए आने वाला सोमवार का दिन बेहद खास होगा। इसकी वजह है बायोफ्यूल से उड़ने वाला प्लेन। दरअसल, सोमवार को भारत उस खास ग्रुप में शामिल हो सकता है कि जिन्होंने बायोफ्यूल से किसी प्लेन को उड़ाया है। मिली जानकारी के मुताबिक, सोमवार को स्पाइसजेट की एक फ्लाइट बायोफ्यूल की मदद से देहरादून से दिल्ली के लिए उड़ान भरेगी। अबतक कनाडा, आॅस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे विकसित देश ऐसा कर चुके है, लेकिन विकासशील देशों में यह कारनामा करनेवाला भारत पहला देश होगा।
 
यह है प्लान 
सबसे पहले देहरादून के ऊपर 10 मिनट तक फ्लाइट उड़ाई जाएगी। फिर अगर नतीजे सकारात्मक रहे तो फ्लाइट को दिल्ली लेकर जाया जाएगा। फ्लाइट टेस्ट के वक्त डीजीसीए, सिविल एविएशन मिनिस्ट्री और एयरलाइंस के सीनियर लोग भी मौजूद होंगे। बता दें कि इस साल की शुरुआत में ही दुनिया की पहली बायोफ्यूल फ्लाइट ने लॉस एंजेलिस से मेलबर्न के लिए उड़ान भरी थी। 
 
यह होगा फायदा- बायोफ्यूल सब्जी के तेलों, रिसाइकल ग्रीस, काई, जानवरों के फैट आदि से बनता है। जीवाश्म ईंधन की जगह इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल, एयरलाइंस इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट असोसिएशन (आईएटीए) नाम की ग्लोबल एसोसिएशन ने लक्ष्य रखा है कि उनकी इंडस्ट्री से पैदा होने वाले कॉर्बन को 2050 तक 50 प्रतिशत कम किया जाए। एक अनुमान के मुताबिक, बायोफ्यूल के इस्तेमाल से एविएशन क्षेत्र में उत्सर्जित होनेवाले कार्बन को 80 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है। 

यह है भारत का प्लान - भारत तेल आयात पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है। पीएम मोदी ने भी हाल मे 'नेशनल पॉलिसी फॉर बायोफ्यूल 2018' जारी की थी। इसमें आनेवाले 4 सालों में एथेनॉल के प्रोडक्शन को 3 गुना बढ़ाने का लक्ष्य है। अगर ऐसा होता है तो तेल आयात के खर्च में 12 हजार करोड़ रुपए तक बचाए जा सकते हैं।
 
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