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अटल के 'करिश्मे' से मुलायम के गढ़ से पहली दफा जीती थी भाजपा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 17 2018 3:07PM | Updated Date: Aug 17 2018 3:07PM
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इटावा। वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव के दौरान बेहद सरल और मृद स्वाभाव वाले अटल बिहारी वाजपेयी की एक जनसभा ने समाजवादी पार्टी (सपा) के गढ़ माने जाने वाले इटावा में भाजपा का खाता खोल दिया था। इटावा के बुजुर्गो को वाजपेयी की 1998 के चुनाव में जनसभा आज भी याद है जहां पूर्व प्रधानमंत्री राजकीय इंटर कॉलेज में भाजपा उम्मीदवार श्रीमती सुखदा मिश्रा के पक्ष में जनसभा को संबोधित करने आए थे। वाजपेयी ने अपनी वाक पटुता से सुखदा मिश्रा के पक्ष में ऐसा प्रचार किया जिसका सपा के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के प्रभाव वाले क्षेत्र में व्यापक असर हुआ और पहली दफा सुखदा मिश्रा के रूप में भारतीय जनता पार्टी ने यहां विजय पाई।
 
वाजपेयी के 1998 वाले दौरे की याद करते हुए श्रीमती मिश्रा के भतीजे सोमनाथ बाजपाई बताते - केन्द्र में भाजपा की 13 दिन की सरकार गिर चुकी थी। वाजपेई जी ने इटावा के राजकीय इंटर कॉलेज में सभा को संबोधित किया और उसके बाद सिंचाई विभाग के सर्किट हाउस में उनके खाने का बंदोबस्त और इंतजाम किया गया था जहां पर उन्होंने वाजपेई जी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और उनको खाना खिलवाया। अटल जी जैसा जननायक अब दोबारा इस दुनिया में पैदा नही होगा।
 
इटावा में पूर्व प्रधानमंत्री के निधन से समूचा इटावा शोक में डूबा हुआ है। उनके निधन की सूचना मिलते ही यहां की सड़कों और बाजारों में वीरानी छा गयी और अटल जी स्मृतियों से जुड़े हुए तमाम वाक्यों की चर्चाएं शुरू हो गई। इटावा जिले के बकेवर में श्री वाजपेयी ने 37 साल पहले जनता कालेज में आकर सभा की तथा कालेज में भीमराव अंबेडकर शताब्दी का उद्घाटन किया था।
 
22 मॉर्च 1991 में जनता कालेज बकेवर में आकर उन्होंने भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर जन्मशती का शुभारम्भ किया था। जनता कालेज बकेवर के तत्कालीन प्रबंध सचिव आनंद स्वरूप मिश्र और प्राचार्य शिवसेवक तिवारी के द्वारा कालेज में डॉ भीमराव अम्बेडकर के जन्म को सौ वर्ष पूर्ण होने पर जन्मशती के शुभारंभ पर आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विदेश मंत्री के तौर पर अटल बिहारी बाजपेयी को आमंत्रित किया गया था।
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