चेन्नई। डॉ. सिवन ने कहा कि अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाले इस महत्वाकांक्षी मिशन से पहले इसरो दो बार मानव रहित अंतरिक्ष यान मिशन पर काम करेगा। दोनों मानव रहित अंतरिक्ष यान मिशन दो साल के भीतर पूरे कर लिए जायेंगे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले के प्राचीर से अपने संबोधन में इसरो के मिशन की घोषणा की।
मोदी ने कहा, आज मेरा सौभाग्य है कि इस पावन अवसर पर मुझे देश को एक और खुशखबरी देने का अवसर मिला है। साल 2022, यानी आजादी के 75वें वर्ष में और संभव हुआ तो उससे पहले ही, भारत अंतरिक्ष में तिरंगा लेकर जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष में अपना स्वदेशी 'गगन यान' भेजेगा जिसमें भारत का कोई बेटा या बेटी सवार होगा। इसके साथ ही भारत यह कामयाबी हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जायेगा।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन अंतरिक्ष में मानवीय मिशन भेज चुके हैं। डॉ. सिवन ने कहा कि इसरो इस मिशन के लिए क्रू मॉड्यूल तथा क्रू एस्केप सिस्टम का परीक्षण कर चुका है। इसरो अध्यक्ष ने कहा कि इसरो अंतरिक्ष यात्री के लिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम, स्पेस सूट तथा अन्य मिशन से जुड़े अन्य विषयों पर भी काम कर रहा है। इसरो के मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्री का चुनाव भारतीय वायु सेना के पायलटों में से किया जायेगा। उन्हें इसके लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।