नई दिल्ली। देश की सर्वोच्च अदालत की संवैधानिक पीठ ने केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा देश में प्राइवेट मंदिर का कोई सिद्धांत नहीं है। मंदिर कोई प्राइवेट संपत्ति नहीं है, यह पब्लिक प्लेस है। ऐसी सार्वजनिक जगह पर यदि पुरुष जा सकते हैं तो महिलाओं को भी प्रवेश की इजाजत मिलनी चाहिए। सीजेआई ने कहा, 'मंदिर खुलता है तो उसमें कोई भी जा सकता है। किस आधार पर किसी के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाते हैं। यह संविधान की भावना के खिलाफ है।
केरल सरकार ने बदला रुख
केरल सरकार ने इस मुद्दे पर तीन बार रुख बदला। 2015 में राज्य सरकार ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक का समर्थन किया था, 2017 में सरकार ने इस फैसले का विरोध किया था। इस साल सरकार ने कहा कि मंदिर में महिलाओं को प्रवेश मिलना चाहिए। इंडियन यंग लॉयर्स एसो. ने याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की इजाजत मांगी थी।