चेन्नई। आयकर विभाग ने चेन्नई में सबसे बड़ी रेड को अंजाम दिया है। इस रेड में अरबों की ब्लैक मनी का खुलासा हुआ है। यह छापा चेन्नई में रोड कॉन्ट्रेक्टर नागराजन सेय्यदुरई की कंपनी एसकेजी ग्रुप के दफ्तरों पर मारा गया। यह कंपनी सरकार से मिले ठेके के तहत सड़क एवं राजमार्ग निर्माण का काम करती है।
'आॅपरेशन पार्किंग मनी' के नाम से शुरू हुए इस आॅपरेशन में आयकर विभाग ने तमिलनाडु में 22 अलग-अलग जगहों पर छापे मारे। इस छापे में 163 करोड़ रुपये कैश और 100 किलो से ज्यादा सोना बरामद किया गया है। छापेमारी अभी जारी है। कर अधिकारियों ने इसे देश में की गई छापेमारियों में अब की गई सबसे बड़ी जब्ती बताया है। अभी तक दर्जनों सोने के बिस्कुट बरामद किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि विभाग ने बड़ी संख्या में दस्तावेज, कम्प्यूटर और अन्य हार्डवेयर भी जब्त किए हैं।
इन जगहों पर मारे गए छापे
छापे में कंपनी के चेन्नई में 17, अरुप्पुकोट्टाई में 4 और कोटपाडी में एक परिसर सहित 22 परिसरों में आयकर विभाग की टीम पहुंची। बताया जा रहा है और जगह भी छापेमारी हो सकती है। कैश ट्रैवल बैग में भरकर पार्किंग में रखी कारों में रखा गय था। आयकर विभाग के अनुसार विभाग को पैसों के असामान्य लेन-देन की सूचना मिली थी जिसके बाद कर कर चोरी के संदेह में यह छापेमारी की गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के डायरेक्टर्स के एआईएडीएमके के नेताओं के साथ करीबी संबंध हैं। इस रेड को इस साल की और नोटबंदी के बाद सबसे बड़ी रेड बताया जा रहा है। आपको बता दें कि दिसंबर 2016 में भी चेन्नई में आयकर विभाग के छापे में 106 करोड़ कैश और 123 किलो सोना बरामद हुआ था।
छापे में कंपनी के चेन्नई में 17, अरुप्पुकोट्टाई में 4 और कोटपाडी में एक परिसर सहित 22 परिसरों में आयकर विभाग की टीम पहुंची। बताया जा रहा है और जगह भी छापेमारी हो सकती है। कैश ट्रैवल बैग में भरकर पार्किंग में रखी कारों में रखा गय था। आयकर विभाग के अनुसार विभाग को पैसों के असामान्य लेन-देन की सूचना मिली थी जिसके बाद कर कर चोरी के संदेह में यह छापेमारी की गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के डायरेक्टर्स के एआईएडीएमके के नेताओं के साथ करीबी संबंध हैं। इस रेड को इस साल की और नोटबंदी के बाद सबसे बड़ी रेड बताया जा रहा है। आपको बता दें कि दिसंबर 2016 में भी चेन्नई में आयकर विभाग के छापे में 106 करोड़ कैश और 123 किलो सोना बरामद हुआ था।
सीएम पलानीस्वामी घेरे में
हाइवे और छोटे बंदरगाहों से जुड़ा मंत्रालय मुख्यमंत्री पलानीस्वामी के पास ही है। खबरों के अनुसार, अधिकारी जब्त की गई नकदी, सोने के बिस्कुटों और दस्तावेजों की जानकारी जुटा रहे हैं। विपक्षी पार्टी द्रमुक ने आरोप लगाया था कि नागराजन के पास मुख्यमंत्री की बेनामी संपत्ति थी और पक्षपात करते हुए सीएम के रिश्तेदारों को सरकारी ठेके दिए गए हैं। नागराजन सेय्यदुरई की चेन्नई और मदुरई में कई कंस्ट्रक्शन कंपनियां हैं। वर्तमान में उसकी कंपनी मदुरई से तिरुमंगलम के बीच फोरलेन सड़क बना रही है। हाल ही में, टीटीवी दिनाकरन शिविर और डीएमके ने ने हाइवे कॉन्ट्रैक्ट्स में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। उन्होंने डील्स में एआईएडीएमके नेता के करीबी सहयोगियों और रिश्तेदारों के शामिल होने का आरोप लगाया था।