नई दिल्ली। शरिया कोर्ट को लेकर पूरे देश में चर्चा के बीच रविवार को आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस मामले पर दिल्ली में बैठक की। बैठक में 10 दारुल कजा यानि शरिया कोर्ट के प्रस्ताव आए थे, जिन्हें बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही इनका गठन किया जाएगा। मीटिंग के बाद बोर्ड की तरफ से कहा गया कि शरिया कोर्ट देश की न्यायिक व्यवस्था के तहत आने वाले कोर्ट की तरह नहीं है यानी यह कोई समानांतर अदालत नहीं है।
दस शरिया कोर्ट को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की मंजूरी
बोर्ड ने भाजपा और आरएसएस पर शरिया कोर्ट के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। मीटिंग के बाद बोर्ड के सचिव जफरयाब जिलानी ने बताया कि बोर्ड निकाह-हलाला का समर्थन करता है और अभी कुछ नहीं बदला जा सकता है। मुस्लिम महिलाओं को इसे मानना ही होगा।