नई दिल्ली। देश में बिना किसी भेदभाव और रोकटोक के इंटरनेट की उपलब्धता सभी के लिए जारी रहेगी। सरकार ने देश में नेट न्यूट्रैलिटी को मंजूरी दे दी है। केंद्र के इस आदेश में किसी प्रकार के बदलाव या उल्लंघन पर भारी जुमार्ने की चेतावनी भी दी है। केंद्र के इस आदेश के बाद इंटरनेट पर किसी भेदभाव की आशंका खत्म हो गई है।
लड़की ने 20 किलो वजन कम करने के लिए इस फल का इस्तेमाल किया इस आदेश के बाद अब मोबाइल आॅपरेटर्स, इंटरनेट प्रवाइडर्स और सोशल मीडिया कंपनियां इंटरनेट पर कॉन्टेंट और स्पीड मामले में पक्षपातपूर्ण रुख नहीं अपना सकती हैं। इसके अलावा कंपनियां जीरो रेटेड प्लेटफॉर्म भी नहीं बना सकती हैं जहां, केवल चुनिंदा सर्विस और वेबसाइट ही फ्री करने की बात है।
टेलिकॉम सचिव अरुणा सुंदरराजन ने बताया, ' बुधवार को इंटर मिनिस्ट्रियल कमिशन की बैठक में नेट न्यूट्रैलिटी को मंजूरी दी गई। यह तत्काल प्रभाव से लागू भी हो गया है।' सरकार के इस मूव को सकारात्मक माना जा रहा है क्योंकि इस आदेश के बाद कोई भी आॅपरेटर, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर इस क्षेत्र में अपना एकाधिकार स्थापित नहीं कर सकता है।
नेट न्यूट्रैलिटी का मतलब है कि इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर की ओर से भेदभाव के बिना सभी वेब आधारित सर्विस पर जाने की आजादी। यह टेलिफोन सर्विस प्रवाइडरों के उस कॉन्सेप्ट की तरह है, जिससे कॉल करने में कपंनियां कोई शर्त-भेदभाव नहीं करती है। जिस तरह से एक बार सेवा लेने के बाद आप कहीं भी फोन कर सकते हैं, उसी तरह से नेट पैक लेने पर आप खुलकर इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। नेट न्यूट्रैलिटी का मतलब है कि कोई खास वेबसाइट या इंटरनेट आधारित सर्विस के लिए नेटवर्क प्रवाइडर आपको अलग से चार्ज नहीं कर सकता।