नई दिल्ली। दिल्ली की दिल दहलाने वाले बुराड़ी कांड की गुत्थी पुलिस ने करीब-करीब सुलझा ली है। सूत्रों के मुताबिक कई सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंचती दिख रही है कि फंदे से लटके मिले 11 शवों के पीछे कोई साजिश नहीं थी, बल्कि पूरा परिवार अंधविश्वास के चक्कर में खुद फंदे से लटक गया। सीसीटीवी फुटेज में परिवार के कुछ सदस्यों को उन स्टूलों और तारों को लाते देखा जा सकता है जिनका प्रयोग बाद में फांसी लगाने में किया गया।
पुलिस ने 11 डायरियां बरामद की हैं जिनमें बीते 11 सालों में लिखा गया है। पुलिस ने कहा कि डायरियों में लिखी गई बातें कथित खुदकुशी से मेल खाती हैं। परिवार के घर के सामने वाले घर के बाहर लगे कैमरे के फुटेज में दिखता है कि परिवार की बड़ी बहू सविता और उसकी बेटी नीतू पांच स्टूल ला रही हैं। इन्हीं स्टूलों को बाद में परिवार के लोगों ने फांसी लगाने में प्रयोग किया।
इस बीच क्राइम ब्रांच को जो डायरी हाथ लगी है वह ललित की है। मीडिया रिपोर्ट में दावा है कि उसने 30 जून को लिखा है कि छह दिन तक पूरे परिवार ने बरगद के पेड़ की टहनियों की तरह लटकने की प्रैक्टिस की थी। इस दौरान किसी के हाथ नहीं बांधे गए थे पर 7वें दिन जब इसे दोहराया गया तो ललित और टीना को छोड़ कर सभी के हाथ बांधे हुए थे। इसमें सभी की जान चली गई। पुलिस को आशंका है कि ललित और टीना ने ही सबके हाथ बांधे होंगे और उसके बाद वह खुद फंदे से लटक गए।