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घरेलू हिंसा केस : बेटे के खिलाफ कोर्ट पहुंची पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 20 2018 10:44AM | Updated Date: Jun 20 2018 10:45AM
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नई दिल्ली। 80 साल की सरोज कुमारी मंगलवार दोपहर 12 बजे एनआरआई उद्योगपति सैम वर्मा और बेटी वीणा सिंह के साथ कोर्ट पहुंचीं। सरोज सिंह अपने दोनों बेटे से अलग नोएडा में रह रही हैं। उन्होंने अपनी अर्जी में कहा,मेरे बेटों अजय सिंह (राहुल भैया) और अभिमन्यु सिंह ने घरेलू हिंसा कर मुझे मेरे ही घर से बेदखल कर दिया है। उन्होंने मेरा भरण-पोषण करने से इनकार कर दिया है। इस वजह से मुझे मजबूरी में अदालत की शरण लेनी पड़ी है।
 
चुरहट लॉटरी काण्ड के वक्त विवादों में आई थी अर्जुन सिंह की कोठी- अर्जुन सिंह के मुख्यमंत्री रहते उनके गृह क्षेत्र चुरहट में बाल कल्याण समिति नामक संस्था ने लॉटरी का कारोबार शुरू किया था। इसमें शामिल लोगों पर 4 करोड़ रुपए के गबन का आरोप लगा। अर्जुन सिंह का नाम भी इससे जोड़ा गया। विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर उन्हें 1989 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। विपक्ष का कहना था कि लॉटरी से मिली रकम मुख्यमंत्री की कोठी में लगाई गई, जो भोपाल के केरवा इलाके में बनी है। तब सिंह ने विधानसभा में अपनी कोठी की कीमत 15 लाख रुपए बताई थी। अब यह करोड़ों की बताई जाती है और इसी पर सिंह की पत्नी और बेटों में विवाद है।
 
अर्जुन सिंह के बड़े बेटे अभिमन्यु सिंह का उत्तर प्रदेश में कारोबार है। अभिमन्यु  उस समय चर्चा में आए थे जब उनके बेटे की सुसराल वालों ने दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया था। उस समय अर्जुन सिंह मीडिया के सामने बड़े बेटे अभिमन्यु से कोई संबंध नहीं होने की बात कही थी। अर्जुन सिंह के निधन के बाद वो परिवार से फिर से मिल गए और अब उनके ऊपर मां सरोज सिंह ने ही घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है।
 
अजय सिंह पर कांग्रेस के उसूलों के खिलाफ जाने का आरोप
सरोज कुमारी में अर्जी में लिखा, मेरे पति स्वर्गीय अर्जुन सिंह ने जीवनभर कांग्रेस पार्टी में रहकर उसके उन उसूलों पर काम किया जिनसे महिला संरक्षण हो और असहाय व्यक्तियों को सहयोग मिले। लेकिन मेरे बेटे अजय सिंह ने कांग्रेस पार्टी के उन्हीं उसूलों को ताक में रखकर मुझे मेरे घर से बेदखल कर दिया। मुझे इस अवस्था और इस उम्र में अपना घर छोड़कर अलग-अलग जगहों पर रहना पड़ रहा है।
 
यह कृत्य कांग्रेस पार्टी के उसूलों के खिलाफ है। यह प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी का नेता और सर्वसंपन्न होने के बावजूद मेरे बेटे के चरित्र को परिभाषित करता है। चाहती हूं कि अदालत मुझे मेरे निवास में रहने में मदद करे और अजय सिंह को वहां से अलग करने का आदेश दे। मुझे न्याय मिलने का भरोसा है।'
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