श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आतंकी एके-47 राइफल में स्टील बुलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ये बुलेट बुलेटप्रूफ बंकरों को उड़ाने में सक्षम है। इस तरह की गोलियों का इस्तेमाल खासतौर पर जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े आतंकी कर रहे हैं। पहला मामला 31 दिसंबर 2017 को सामने आया था, जब जैश आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के लेथपोरा में सीआरपीएफ कैंप में फिदायीन हमला किया था। हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे।
सीआरपीएफ कैंप में फिदायीन हमले की जांच में पता लगा कि जवान बुलेटप्रूफ बंकर में थे। आतंकियों ने एके-47 राइफल में स्टील की गोली इस्तेमाल की थी। इस तरह की गोली को आर्मर पियर्सिंग (कवच को भेदने वाली) नाम दिया गया है। इसे कड़े स्टील या टंगस्टन कार्बाइड से बनाया जाता है। अफसरों के मुताबिक, "सामान्य तौर पर एके-47 की गोलियों में इस्तेमाल होने वाला स्टील थोड़ा हल्का होता है, जो बुलेटप्रूफ शील्ड को भेद नहीं सकता। लेकिन, जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, उसके बाद हमने सुरक्षा के लिए मजबूत कदम उठाए हैं।