नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अधिसूचित होने की प्रक्रिया में शामिल राजधानी की 351 सड़कों पर 11 जुलाई तक सीलिंग नहीं करने का गुरुवार को निर्देश दिया। शीर्ष अदालत की निगरानी समिति ने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशकालीन खंडपीठ के समक्ष कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) 351 सड़कों पर सीलिंग का काम नहीं कर रही है, जबकि ये सड़कें अभी तक व्यावसायिक गतिविधियों के लिए अधिसूचित नहीं हुई है। इसलिए नगर निगम को सीलिंग जारी रखने का आदेश दिया जाएं।
अवकाशकालीन खंडपीठ ने कहा कि सीलिंग का मामला दूसरी पीठ के समक्ष लंबित है, जिस पर 11 जुलाई को सुनवाई होनी है। इसलिए निगरानी समिति अपनी अर्जी उसी पीठ के समक्ष 11 जुलाई को रखे। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस मामले का विशेष उल्लेख न्यायमूर्ति मदन बी. लोकुर की पीठ के समक्ष किया जा सकता है, क्योंकि उन्हीं की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ इसकी सुनवाई करती रही है।
गौरतलब है कि समिति ने दिल्ली में सीलिंग के मामले में गत 12 जून को अपनी अंतरिम रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी। समिति ने दक्षिणी दिल्ली में अवैध निर्माणों पर दक्षिणी दिल्ली नगर निगम द्वारा कार्रवाई न करने की शिकायत की थी। समिति ने कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद अवैध निर्माणों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।