नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बढ़ती पानी की समस्या की आवाज अब देश के सबसे बड़े न्याय के मंदिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुकी है। मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने संवेदनशील टिप्पणी की। कोर्ट का कहना है कि दिल्ली में पानी की समस्या बेहद गंभीर मामला है, लेकिन यहां पानी का स्तर इतना नीचे चला गया है कि देश के राष्ट्रपति तक को पानी मुहैया नहीं कराया जा पा रहा है।
दरअसल, दिल्ली में बढ़ते जा रहे पानी के संकट को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। केंद्र सरकार ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की। केंद्र की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में जल स्तर नीचे गिरता ही जा रहा है, जिसकी वजह से सूबे में पीने के पानी तक की समस्या को रही है। यहां हालत यह हो गई है कि राष्ट्रपति भवन के पास भी पानी की कमी है।
पानी के लिए होगा वार
सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्थिति कितनी गंभीर है, हम यह समझ नहीं पा रहे हैं। न ही कोई इसे गंभीरता से ले रहा है, भूमिगत जल का अत्यधिक दोहन हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि आप विश्वयुद्ध की बात छोड़ो, दिल्ली में पानी के लिए ही वार शुरू हो जाएगा। कोर्ट ने अब इस मामले में दिल्ली सरकार और वाटर रिसोर्स से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। अब मामले की अगली सुनवाई 15 मई को होगी।