नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मुकदमों की त्वरित सुनवाई के लिए की जाने वाली फरियाद (मेंशनिंग) के नियम बदल गए हैं। अब मेंशनिंग मुख्य न्यायाधीश के समक्ष न होकर रजिस्ट्रार (न्यायिक) के समक्ष की जाएगी। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने शुक्रवार को इस बाबत एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने नए मुकदमों, अपीलों एवं वादकालीन याचिकाओं की त्वरित सुनवाई के लिए रजिस्ट्रार (न्यायिक) को अधिकृत किया है। पहले ऐसे मामले सुबह साढ़े बजे सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश की अदालत में आते थे।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि रजिस्ट्रार के समक्ष सुनवाई में किसी तरह की दिक्कत या शिकायत की स्थिति में उनका दरवाजा खुला रहेगा। चूंकि मुख्य न्यायाधीश उच्चतम न्यायालय के प्रशासकीय प्रमुख हैं, इसलिए मेंशंिनग उन्हीं की अदालत के समक्ष की जाती रही है। इसके लिए सुनवाई शुरू होने के बाद 20 मिनट का समय निर्धारित हुआ करता था।
इससे पहले न्यायमूर्ति मिश्रा ने गत वर्ष 20 सितम्बर को मेंशंिनग की प्रक्रिया में हिस्सा लेने से वरिष्ठ वकीलों को पूरी तरह रोक दिया था और इसके लिए केवल एडवोकेट आॅन रिकॉर्ड (एओआर) को अधिकृत किया था। इस वर्ष के प्रारम्भ में न्यायमूर्ति मिश्रा ने इस नियम में थोड़ी ढील देते हुए जूनियर वकीलों को भी मेंशंिनग की अनुमति प्रदान की थी।