नई दिल्ली। सरकार ने नई टेलिकॉम पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसके तहत 2022 तक टेलिकॉम सेक्टर में 40 लाख नौकरियां देने का लक्ष्य रखा गया है। राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति-2018 नाम से ये ड्राफ्ट जारी किया गया है। पॉलिसी के तहत सेक्टर को कर्ज से उबारने पर भी फोकस किया गया है। साथ ही टेलिकॉम कंपनियों की लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क की समीक्षा भी की जाएगी। नई पॉलिसी के ड्राफ्ट में कारोबार आसान बनाने पर खास जोर दिया गया है।नई पॉलिसी में सरकार लैंडलाइन पोर्टेबिलिटी सेवा शुरू करने पर जोर देगी। इसके अलावा डिजिटल कम्युनिकेशन सेक्टर का देश की जीडीपी में योगदान 6% से बढ़ाकर 8% किए जाने की योजना है।
नई पॉलिसी के लक्ष्य
2020 तक सभी ग्राम पंचायतों को एक जीबीपीएस ब्रॉडबैंड सेवा देना, 2022 तक 10 जीबीपीएस ब्रॉडबैंड सेवा देना, 100 अरब डॉलर का निवेश टेलिकॉम सेक्टर में लाना, 50 एमबीपीएस स्पीड ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध करवाना, 40 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करवाना, लैंडलाइन पोर्टेबिलिटी की योजना, सेक्टर को कर्ज से उबारने की कोशिश।
निवेश को बढ़ावा देने की कोशिश
सरकार स्पेक्ट्रम कीमतें कम से कम रखकर सस्ती सेवाएं देने पर ध्यान देगी। ऊंची स्पेक्ट्रम कीमतें और दूसरे शुल्कों की वजह से टेलिकॉम सेक्टर दबाव में है और 7.8 लाख करोड़ के कर्ज में डूबा हुआ है। निवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोशिश है कि रेग्युलेशन के स्तर पर लगातार सुधार हों और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाए। टेलिकॉम सेक्टर की जरूरतों के मुताबिक सतत और लंबी अवधि का निवेश आकर्षित किया जाएगा। रेग्युलेशन का दबाव कम कर उपभोक्ताओं के हितों का ध्यान रखते हुए नवाचार किए जाएंगे।