सिवनी। पाकिस्तान की जेल में वर्ष 2013 से बंद मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के बरघाट विकासखंड मुख्यालय निवासी जितेंद्र अर्जुनवार की 4 मई को बाघा बॉर्डर पर रिहाई होगी। विदेश मंत्रालय से मिली अधिकृत सूचना के बाद उप पुलिस अधीक्षक (डीएसपी) गोपाल खांडेल ने आज दोपहर 12 बजे जितेंद्र के भाई भरत अर्जुनवार और बरघाट थाने में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक राजेश सरेठा को पंजाब के अमृतसर स्थित वाघा बॉर्डर की ओर रवाना किया। खांडेल ने बताया कि भरत के साथ सरेठा 3 मई की शाम तक बाघा बॉर्डर पहुंचकर बीएसएफ के प्रभारी अधिकारी से मुलाकात कर उन्हें जितेंद्र के भारतीय नागरिक होने के संबंध में शासकीय दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे।
4 मई को जितेंद्र की पाक बॉर्डर से रिहाई होते ही उसे सिवनी लाया जाएगा। जितेंद्र की रिहाई की सूचना पुलिस अधीक्षक तरुण नायक द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से पत्रकारों को दी गई। इस बात की जानकारी लगते ही बरघाट के मानेगांव रोड स्थित जितेंद्र अर्जुनवार के घर पहुंचकर परिजनों को जल्द रिहाई की खबर बताई गई। इसके बाद जितेंद्र के भाई भरत अर्जुनवार, छोटी बहन तरुणा और मां पार्वती की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। पाकिस्तानी रेंजर्स जितेंद्र को अटारी-वाघा बार्डर पर बीएसएफ के हवाले करेंगे। यहां से उसे अमृतसर स्थित रेडक्रास केंद्र लाया जायेगा, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे परिजनों के हवाले किया जाएगा।
जितेंद्र को 12 अगस्त, 2013 को भारत-पाकिस्तान सीमा में पाकिस्तानी रेंजर्स ने पकड़ा था। एक साल की सजा पूरी होने के बाद भारत की ओर से नागरिकता की पुष्टि नहीं होने के कारण पिछले तीन वर्षों से वह पाकिस्तान की कराची की जेल में बंद है। अप्रैल, 2018 के पहले सप्ताह में सिवनी के पुलिस अधीक्षक की ओर से जितेंद्र की नागरिकता के दस्तावेज प्रमाणित कर विदेश मंत्रालय भेजे गए थे। नागरिकता की पुष्टि होने के बाद पाकिस्तान सरकार ने जितेंद्र को रिहा करने का फैसला लिया है।