नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बच्चों से रेप के मामले में सख्त रुख अख्तियार करते हुए मंगलवार को देशभर के सभी हाई कोर्ट को निर्देश जारी कर कहा कि ऐसे सभी केस की सुनवाई स्पेशल कोर्ट में हो और उनका त्वरित निपटारा किया जाए।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न के मामलों पर निगरानी रखने के लिए हाई कोर्ट चाहें तो तीन जजों की समिति का गठन कर सकते हैं। केंद्रीय कैबिनेट ने एक्ट में संशोधन करते हुए 12 साल से कम उम्र की बच्चियों से रेप के दोषी को फांसी की सजा देने के अध्यादेश को मंजूरी दी थी।
यह है मामला
सुप्रीम कोर्ट ने वकील अलख आलोक श्रीवास्तव की जनहित याचिका (पीआईएल) पर यह दिशा निर्देश जारी किए। उन्होंने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुभाष प्लेस में आठ माह की बच्ची के साथ 28 जनवरी को दुष्कर्म की घटना के बाद दाखिल पीआईएल में पॉक्सो एक्ट के तहत छह माह में ट्रायल पूरा करने और दोषियों को मौत की सजा देने की मांग की थी।