नई दिल्ली। चीन के साथ हुए डोकलाम विवाद का साया भारत-चीन के संबंधों के साथ आंतरिक राजनीति को भी लगातार प्रभावित कर रहा है। विदेश मामलों की स्थायी संसदीय समिति इस महीने सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के सीमाई इलाकों का दौरा करेगी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस समिति के सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर समिति के अध्यक्ष।
यह समिति डोकलाम में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच हुई तनातनी के विभिन्न कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रही है। मौजूदा वित्त सचिव विजय गोखले के साथ पूर्व के भी वित्त सचिव इस मामले में समिति को अपनी जानकारी दे चुके हैं। समिति का विचार है कि इन दोनों राज्यों में भारत-चीन सीमा की स्थिति का जमीनी स्तर पर जायजा लिया जाए। अगर संभव हो सकेगा तो वे उस इलाके में भी जाएंगे जहां दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। हवाई दृश्य के लिए समिति एक हेलिकॉप्टर का भी इस्तेमाल करेगी।
इसके साथ ही वे वहां तैनात उच्च सुरक्षा और रक्षा अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे। डोकलाम भारत-चीन-भूटान के बीच एक ट्राई-जंक्शन है। चीन और भूटान के बीच यह एक विवादित क्षेत्र है। चीनी सेनाओं ने वहां एक सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया था। भारतीय सेनाओं ने उसे रोक दिया तो पिछले साल 16 जून, 2017 से सिक्किम सेक्टर स्थित डोकलाम में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं। यह तनातनी 28 अगस्त, 2017 को तब समाप्त हुई, जब दोनों सेनाएं पीछे हट गई थीं।