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लड़कों से यौन शोषण पर भी हो फांसी, बदलेगा पॉक्सो एक्ट

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 29 2018 10:30AM | Updated Date: Apr 29 2018 10:30AM
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नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि केंद्र यौन शोषण के शिकार पीड़ित लड़कों को न्याय दिलाने के लिए पॉक्सो कानून में संशोधन की योजना बना रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा 12 साल की उम्र तक की लड़कियों से बलात्कार करने वाले दोषियों को मौत की सजा देने वाले अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद केंद्र इस मुद्दे पर भी विचार कर रहा है। मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा कि सरकार हमेशा लैंगिक निष्पक्ष कानून बनाने के लिए प्रयासरत रहती है। सरकार ने यौन शोषण के शिकार लड़कों को न्याय दिलाने के लिए पॉक्सो कानून में संशोधन का प्रस्ताव दिया है।
 
मेनका गांधी ने चेंज डॉट ओआरजी पर फिल्म निर्माता इंसिया दरीवाला की एक याचिका का हाल ही में समर्थन किया है, जिन्होंने कहा कि लड़कों के यौन शोषण की सच्चाई को भारत में नजरअंदाज किया जाता है। याचिका के जवाब में उन्होंने कहा कि यौन शोषण के शिकार बालकों पर अध्ययन कराया जाएगा जो अपनी तरह का पहला होगा। मेनका ने कहा था कि बाल यौन शोषण का सबसे अधिक नजरअंदाज किए जाने वाला वर्ग पीड़ित लड़कों का है। बाल यौन शोषण में लैंगिक आधार पर कोई भेद नहीं है। बचपन में यौन शोषण का शिकार होने वाले लड़के जीवन भर गुमसुम रहते हैं क्योंकि इसके पीछे कई भ्रांतियां और शर्म है। यह गंभीर समस्या है और इससे निपटने की जरुरत है।
 
यौन शोषण का शिकार लड़कों को भी मिले मुआवजा- मंत्री ने कहा था कि याचिका के बाद उन्होंने सितंबर 2017 में राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) को पीड़ित लड़कों के मुद्दे पर विचार करने के निर्देश दिए। एनसीपीसीआर ने पिछले साल नवंबर में इस संबंध में कॉन्फ्रेंस की थी। उन्होंने कहा कि कॉन्फ्रेंस से उठी सिफारिशों के अनुसार सर्वसम्मति से यह फैसला किया गया है कि बाल यौन शोषण के पीड़ितों के लिए मौजूदा योजना में संशोधन होना चाहिए, ताकि कुकर्म या यौन शोषण का सामना करने वाले लड़कों को भी मुआवजा मिल सके।
 
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