नई दिल्ली। भारत के 77 साल पुराने एक बड़े कारपोरेट हाउस डालमिया ग्रुप ने एक कांन्ट्रैक्ट के जरिये लाल किले को अपना कर लिया है। दरअसल, यह समूह 25 करोड़ रुपए में देश के इस ऐतिहासिक स्मारक को गोद में लेने वाला देश का पहला कॉपोर्रेट हाउस बन गया है। 17 वीं सदी में इस लाल किले को पांचवे मुगल बादशाह शाहजहां ने बनवाया था और आगरा से दिल्ली राजधानी स्थापित की थी। डालमिया ग्रुप ने इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर को रेस में पीछे छोड़ते हुए भारत सरकार की नीति एडॉप्ट ए हेरिटेज के तहत सबसे शानदार ठेका हासिल किया है। अब डालमिया ग्रुप लाल किले को अगले कुछ महीने में विकसित करने की प्लानिंग कर रहा है।
रात में होगा रौशन
जुलाई में सुरक्षा एजेंसियों को अस्थाई रूप से सौंपने से पहले इसका काम 23 मई से पहले शुरू हो जाएगा। भारत सरकार ने सितंबर 2017 में देश की 100 स्मारकों और धरोहरों के लिए एडॉप्ट ए हेरिटेज स्कीम लॉन्च की थी। इसमें उत्तरप्रदेश में आगरा का ताजमहल, हिमाचल में कांगड़ा का किला, मुंबई के कानेरी की बौद्ध गुफाएं जैसे 100 स्मारक शामिल हैं। एएसआई इनका संरक्षण नहीं कर रही है। डालमिया ग्रुप के शीर्ष अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने अस्थाई रूप से पीएम के स्वतंत्रता दिवस के संबोधन से पहले पूरे किले को रात में रौशन करने का प्लान बनाया है।
होंगी सांस्कृतिक गतिविधियां
लाल किले का उपयोग विभिन्न कंसर्न्ट और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने लिए जाएगा ताकि पर्यटकों की रुचि जागृत की जा सके। डालमिया कॉपोर्रेट ग्रुप अपने प्लान्ड कार्यों को आगे बढ़ाएगा। ग्रुप किले में लोगों की विजिट्स बढ़ाने के लिए कई तरह की मार्केटिंग और विज्ञापन गतिविधियां शुरू करेगा।