नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने शुक्रवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के गूगल पर जुर्माने के आदेश पर रोक लगा दी। सीसीआई ने आॅनलाइन सर्च बाजार में अनुचित कारोबारी प्रक्रियाओं को अपनाने के लिए गूगल पर 136 करोड़ रुपये का जुमार्ना लगाया था।
न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी पीठ ने सीसीआई के आदेश के खिलाफ गूगल की याचिका स्वीकार करते हुए दिग्गज सर्च इंजन कंपनी को जुमार्ने की 10 प्रतिशत राशि चार हफ्ते में जमा करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में सुनवाई 28 मई को होगी। गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि न्यायाधिकरण ने सीसीआई के आदेश और उससे जुड़े निष्कर्षों के पहलुओं की समीक्षा के लिए हमारी अपील स्वीकार कर ली है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष फरवरी में आयोग ने गूगल पर भारतीय बाजार में आॅनलाइन सर्च में अनुचित कारोबारी प्रक्रियाओं को अपनाने के चलते 136 करोड़ रुपये के जुमार्ने का आदेश दिया था। आयोग ने गूगल के खिलाफ 135.86 करोड़ रुपये का यह जुमार्ना 2012 में उसके विरुद्ध दायर की गई अविश्वासी आचरण की शिकायतों के आधार पर लगाया था।
यह कंपनी के भारतीय परिचालन से विभिन्न कारोबारों से 2013, 2014 और 2015 में हुई कुल औसत आय के पांच प्रतिशत के बराबर है। इस संबंध में गूगल के खिलाफ मैट्रिमोनी डॉट कॉम और कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसायटी ने शिकायत दायर की थी।