नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीन और मंगोलिया की छह दिन की यात्रा पर सुबह रवाना हो गई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वीडन, ब्रिटेन और जर्मनी की यात्रा से लौटने पर स्वराज ने पालम वायुसैनिक हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की और उसके बाद वायुसेना के विशेष विमान से चीन के लिए उड़ान भरी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि स्वराज 22 और 23 अप्रैल को चीन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेंगी और 24 और 25 अप्रैल को मंगोलिया में विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में भाग लेंगी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भी 23 से 25 अप्रैल तक एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने जा रहीं हैं
जबकि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 12 एवं 13 अप्रैल को चीन की यात्रा करके लौटें हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी जून में एससीओ की बैठक में भाग लेने चीन जाएंगे। विदेश मंत्री के रूप में श्रीमती स्वराज की यह पहली मंगोलिया यात्रा होगी। इससे पहले किसी भारतीय विदेश मंत्री ने 42 साल पहले मंगोलिया का दौरा किया था।
उनकी मंगोलिया की यात्रा के दौरान दोनों देश राजनीतिक, आर्थिक, सामरिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत बनाने के बारे में चर्चा करेंगे। मंगोलिया यात्रा के दौरान वह उलनबटोर में कुशोक बाकुला जन्मशती समारोह में व्याख्यान देंगी जो प्रसिद्ध बौद्ध नेता कुशोक बाकुला रिंपोचे की जयंती के अवसर पर आयोजित की जा रही है। ये लद्धाख के बौद्ध भिक्षु थे और वहां सबसे लंबे अरसे तक वह भारतीय राजदूत रहे। उनका भारत मंगोलिया संबंधों को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।