बेंगलुरु। कर्नाटक में चुनाव नजदीक आते ही चुनाव आयोग द्वारा सोना, कैश, शराब, प्रेशर कुकर, साड़ियां आदि जब्त करना कोई नई बात नहीं है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों ने 21.44 करोड़ नकद, करीब 6.22 करोड़ रुपए की 1.2 लाख लीटर शराब व दूसरी वस्तुएं जब्त की थीं, लेकिन इस बार तो राज्य में राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवारों ने हद ही कर दी। मतदाताओं को लुभाने के लिए वे शराब और मटन उपलब्ध कराने का वादा करने से भी नहीं चूक रहे। वह भी एक बार नहीं, बल्कि हर हफ्ते और महीने। इसके चलते यहां अचानक चिकन और मटन की मांग बढ़ गई है।
राजनीतिक पार्टियों द्वारा आए दिन दी जा रही मुफ्त लंच व डिनर पार्टियों पर चुनाव आयोग नजर रखे हुए है। चूंकि शादियों का मौसम है, इसलिए राजनीतिक पार्टियां मुफ्त के मटन को शादी के रिसेप्शन की पार्टी में छुपाकर रख रही हैं। बेंगलुरु से 80 किलोमीटर दूर चिंतामणि सीट से एक उम्मीदवार ने तो 18 वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति को हर महीने शराब और हर हफ्ते 600 ग्राम मटन देने का वादा किया है। निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश का मानना है कि मुफ्त की शराब से शराब माफियाओं पर रोक लगेगी। इसे लेकर उनका पॅम्फ्लेट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उम्मीदवारों के इस तरह किए जाने वाले वादों को देखते हुए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि राज्य में कुछ ही दिनों में मटन और चिकन के दाम काफी बढ़ जाएंगे।