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जनरल रावत की सलाह, बंदूक से कुछ हासिल नहीं होगा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 16 2018 9:53AM | Updated Date: Apr 16 2018 9:53AM
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ समय में स्थानीय युवकों के आतंकवादी गतिविधियों की ओर झुकाव के बीच सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रविवार को उम्मीद जताई कि इन युवकों को जल्द समझ में आ जाएगा कि बंदूक से कुछ हासिल नहीं होने वाला। जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेन्ट्री की स्थापना के सात दशक पूरे होने के मौके पर यहां एक कार्यक्रम में जनरल रावत ने उम्मीद जताई कि राज्य में जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी। 
 
उन्होंने कहा कि राज्य में कुछ युवक मुख्यधारा से भटक गए हैं और उनका मानना है कि वे बंदूक से अपना लक्ष्य हासिल कर सकते हैं। इन्हें जल्द इस बात का अहसास होगा कि हाथ में बंदूक उठाने से कुछ हासिल नहीं होने वाला। उन्होंने कहा, कुछ युवा रास्ते से भटक गए हैं लेकिन वह समय दूर नहीं है जब इन्हें समझ में आ जाएगा कि इनका मिशन बंदूक से सफल नहीं होने वाला।  उन्होंने कहा कि घाटी की स्थिति में सुधार के लिए शांति ही एकमात्र उपाय है और ज्यादातर लोग इस बात को मानते भी हैं।
 
कश्मीर में स्थिति खराब होने की बात को नकारते हुए उन्होंने कहा कि वहां माहौल खराब हुआ है लेकिन स्थिति नहीं बिगड़ी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को राज्य की सबसे बड़ी खासियत 'कश्मीरियत' से रूबरू कराने की जरूरत है और सभी मिलकर यह काम कर सकते हैं। सेना प्रमुख ने 70 वर्षों से देश में सेवारत इस रेजिमेंट के योगदान की सराहना की।
 
इससे पहले जेकेएलआई के कर्नल आॅफ रेजिमेंट लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि आजादी के बाद स्थानीय स्वयंसेवकों के गुटों ने पाकिस्तानी हमलावरों के जम्मू कश्मीर पर हमलों का डटकर मुकाबला किया और उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया। लड़ाई के बाद इन्हें जे एंड के मिलिशिया नाम दिया गया। उस समय यह राज्य में अर्द्धसैनिक बल की तरह काम करती थी। पाकिस्तान के साथ 1971 की लड़ाई में जे एंड के मिलिशिया की तीन बटालियनों ने युद्ध पदक जीते और 1972 में इसे सेना का हिस्सा बनाया गया तथा 1976 में इसका नाम जम्मू एंड कश्मीर लाइट इन्फेंट्री रखा गया। 
 
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