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अंबेडकर जयंती: कई शहरों में जारी अलर्ट के बीच पीएम मोदी ने दीं शुभकामनाएं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 14 2018 10:38AM | Updated Date: Apr 14 2018 10:38AM
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लखनऊ। लोकसभा चुनाव नजदीक है और भारत बंद के दौरान हिंसक वारदात के बाद दलित राजनीति में बढ़ी गर्माहट का असर डॉ. भीमराव आंबेडकर की 127 वीं जयंती समारोहों में भी नजर आएगा। वोटबैंक बटोरने की चाहत में सभी प्रमुख पार्टी जयंती समारोह के बहाने शक्ति प्रदर्शन की तैयारी में जुटी हैं। सर्वाधिक चिंतित बहुजन समाज पार्टी दिख रही है। यूं तो बसपा प्रत्येक वर्ष बाबा साहेब की जयंती मानती रही है परंतु इस बार तैयारी कुछ ज्यादा है।
 
जो जज्बा कांशीराम जयंती व मायावती के जन्मदिन पर दिखता था लगभग वही माहौल आंबेडकर जयंती पर भी दिख रहा है। मंडल स्तर पर जयंती समारोह आयोजित होंगे। लखनऊ के समारोह में बसपा प्रमुख मायावती खुद मौजूद रहेंगी। समारोहों में भीड़ जुटाने के लिए जिले व विधानसभा क्षेत्रवार लक्ष्य दिये गए हैं। लखनऊ में सभी प्रमुख मार्ग व चौराहों पर नीले झंडों और होर्डिंग्स की भरमार है। समारोहों में अधिक भीड़ जुटाकर अपनी ताकत का अहसास करना बसपा के लिए इसलिए जरूरी है क्योंकि भाजपा दलितों में पकड़ बनाने के लिए एड़ी चोटी के जोर लगाए है।
 
गत लोकसभा व विधानसभा चुनावों में दलित वोटों में अपनी बढ़ी हिस्सेदारी साबित कर चुकी भारतीय जनता पार्टी 2019 में इसी वातावरण को बनाए रखने की कोशिश में पूरी जीजान से जुटी है। मुख्य संगठन के अलावा अनुसंगिक संगठनों से भी आंबेडकर जयंती पर विभिन्न कार्यक्रम करने को कहा गया है। भाजपा नेता दलित बस्तियों की ओर रुख करेंगे। सरकार के मंत्रियों के अलावा प्रमुख नेताओं को जयंती कार्यक्रम को कामयाब बनाने के निर्देश दिये गए हैं।
 
बसपा से बढ़ी नजदीकियों के बीच समाजवादी पार्टी इस वर्ष आंबेडकर जयंती को लेकर अधिक गंभीर दिख रही है। आंबेडकर ही नहीं सपाइयों में कांशीराम के प्रति भी श्रद्धाभाव जगा। आंबेडकर जयंती के बहाने सपा बदले सियासी समीकरणों को मजबूती प्रदान करने की कोशिश में है। जिला केंद्रों पर गोष्ठियों के अलावा अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
 
दलित वोटबैंक की वापसी की कोशिश में जुटी कांग्रेस प्रत्येक जिले में विचार गोष्ठियां कर बाबा साहब को याद करेगी। सभी प्रमुख नेता व जनप्रतिनिधियों से अपने-अपने क्षेत्र में दलित बस्तियों में संवाद बैठक करने को कहा गया है। राष्ट्रीय लोकदल भी आंबेडकर को याद करने में पीछे नहीं रहेगी। जिला केंद्रों पर अनुसूचित जाति मोर्चा कार्यक्रम आयोजित करेगा। 
 
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