नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए केन्द्र प्रायोजित कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत कृषकों को घटिया पावर टिलर की आपूर्ति के मामले की उच्च अधिकार प्राप्त स्वतंत्र विशेषज्ञ से जांच कराने और किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करने की सिफारिश की है। कृषि मंत्रालय से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने अपनी हाल की एक रिपोर्ट में कहा है कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को इस समिति के जांच के जरिये पावर टिलर के दोषी आयातक, वितरक और डीलर की पहचान करने की सिफारिश की है ताकि किसानों हुए नुकसान की भरपायी की जा सके। समिति ने एक माह के अंदर विभाग से इस संबंध में की गयी कार्रवाई से अवगत कराने का भी निर्देश दिया है। हुक्मदेव नारायण यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा है कि बिहार सरकार ने किसान संगठनों की शिकायत पर चीन में बने घटिया पावर टिलर से किसानों को हो रही परेशानियों का अध्ययन कराया है। केन्द्रीय राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय ने निचले स्तर पर कृषि यंत्र के वितरक, डीलर और किसानों से बातचीत के बाद कहा है कि कृषक समुदाय को घटिया यंत्र से समस्याएं पैदा हो रही हैं। हालांकि, बिहार सरकार ने केन्द्र से हुए पत्राचार में कहा है कि उसे घटिया पावर टिलर को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है।
समिति का मत है कि घटिया पावर टिलर से किसानों को हुये नुकसान की भरपायी की जाये और इसके लिए देषी आयातक,वितरक और डीलर को दंडित किया जाये। देश में लगभग 80 प्रतिशत लघु एवं सीमांत किसान हैं जिनके पास जमीन के छोटे छोटे टुकड़े हैं। ऐसे ही किसान कम कीमत वाले पावर टिलर का उपयोग करते हैं । कृषि मंत्रालय की ओर से विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों को इसकी खरीद पर सब्सिडी दी जाती है।
देश में अलग-अलग स्थानों पर आयातित पावर टिलर के मूल्य में एकरुपता नहीं होने पर समिति ने सरकार को इस मामले की जांच कराने तथा मूल्य में कमी लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा है। समिति ने सरकार से देशी पावर टिलर पर वस्तु एवं सेवाकर में कमी लाने,अनुसंधान एवं उत्पादन के मामले में घरेलू उद्योग को सहयोग करने की सिफारिश की है। इसके अलावा पावर टिलर पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने तथा देश में कुल पावर टिलर की मांग के चीन से आयात किये जाने वाले पावर टिलर पर पांच से दस प्रतिशत का प्रतिबंध लगाने को भी कहा है । पावर टिलर को लघु एवं सीमांत किसानों के लिए उपयोगी बताते हुए कहा गया कि यह कम कीमत का उपकरण है जो छोटी जोत के लिए उपयोगी और सुविधाजपक है। चीन से आयातित पावर टिलर घटिया गुणवत्ता का है जिससे किसानों को समस्याओं का सामना करना पर रहा है।