कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक सनसनीखेज दावा किया है। राहुल गांधी का कहना है कि जल्द ही उनके घर पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम छापेमारी कर सकती है। राहुल गांधी के दावे के मुताबिक उनके संसद भवन में दिए बयान के बाद इस तरह की कार्रवाई होने की संभावना बनी हुई है। राहुल गांधी ने ये दावा सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए किया है। उन्होंने कहा है कि संसद में उनके चक्रव्यूह वाला भाषण किसी को पसंद नहीं आया, लिहाजा उनके खिलाफ साजिश की जा रही है, जिसके तहत ईडी उनके घर छापेमारी कर सकती है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया। इस पोस्ट में उन्होंने खुद के खिलाफ साजिश का दावा किया है। राहुल गांधी ने लिखा- जाहिर है कुछ लोगों को उनका चक्रव्यूह भाषण अच्छा नहीं लगा। ऐसे में अब प्रवर्तन निदेशालय के अंदरूनी सूत्र से मिली जानकारी के आधार पर मैं कह सकता हूं कि मेरे घर पर छापेमारी की तैयारी की जा रही है। राहुल गांधी यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा- 'मैं बाहें फैलाकर ईडी के आने का इंतजार कर रहा हूं। प्रवर्तन निदेशालय की टीम में चाय और बिस्किट मैं अपनी तरफ से खिलाऊंगा।'
राहुल गांधी संसद भवन के जिस चक्रव्यूह वाले बयान का जिक्र कर ईडी की छापेमारी की का दावा किया है आइए जानते हैं कि आखिर वह बयान था क्या? कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष ने यह बयान 29 जुलाई को लोकसभा में दिया था। उन्होंने कहा था कि 21वीं सदी में एख चक्रव्यूह तैयार हुआ है। इसका आकार कमल की तरह है। उन्होंने अपने भाषण में हलवा सेरेमनी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस सेरेमनी में एक भी दलित या पिछड़े वर्ग का व्यक्ति शामिल नहीं है। क्या उनका अधिकार नहीं था।
राहुल गांधी के इस बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी माथे पर हाथ रख लिया था। उन्होंने अपने इस इशारे के जरिए ये बताने की कोशिश की थी कि राहुल गांधी का बयान हास्यासपद है। यही नहीं बीजेपी की ओर से इस बयान पर प्रतिक्रिया भी सामने आई। बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने नेहरू से राजीव गांधी तक यूपीए सरकार में होने वाली हलवा सेरेमनी में दलितों और पिछड़ों की अनदेखी के बारे में जानकारी दी।
दूसरी तरफ बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी राहुल गांधी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को पता नहीं कि विपक्ष के नेता का मतलब क्या होता है। इन्होंने एलओपी का मीनिंग ही बदल दिया है अब यह लीडर ऑफ ओपोजीशन नहीं बल्कि लीडर ऑफ प्रोपेगैंडा हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी को रील का नेता बनने की बजाए रीयल नेता बनना चाहिए।