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सिंघु बॉर्डर पर 23-24 जनवरी को बुलाई गई किसान संसद, इन्हें भी दिया है न्योता

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 19 2021 6:50PM | Updated Date: Jan 19 2021 6:51PM
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नई दिल्ली। दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में अब सिविल सोसाइटी के लोग भी सामने आए हैं। इसी कड़ी में सिविल सोसाइटी की तरफ से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के नजदीकी 23 और 24 जनवरी को किसान संसद बुलाने का फैसला किया गया है। इस किसान संसद में पक्ष-विपक्ष के सभी सांसदों के अलावा पूर्व सांसदों और कृषि विशेषज्ञों समेत किसानों को भी बुलाया जाएगा। इस किसान संसद में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा की जाएगी।

23 और 24 जनवरी को दिल्ली के सिंघु बॉर्डर के करीब होने वाली किसान संसद का आयोजन जिस समिति ने किया है, उसमें सिविल सोसाइटी से जुड़े हुए कई चर्चित नाम शामिल हैं। इस आयोजन समिति में जस्टिस गोपाल गौड़ा, जस्टिस कोलसे पाटील, एडमिरल रामदास, अरुणा रॉय, पी साईनाथ, मेधा पाटकर, यशवंत सिन्हा और प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य लोग भी शामिल हैं। आयोजन समिति का कहना है कि इस किसान संसद को बुलाने का मकसद यही है कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को लेकर चर्चा की जा सके और सभी लोगों को यह समझाया जा सके कि आखिर किसानों का विरोध किस चीज को लेकर है और क्यों इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना जरूरी है।

आयोजन समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने इस किसान संसद को बुलाने का मकसद बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को नियमों को ताक पर रखकर पास करवाया। प्रशांत भूषण ने कहा कि सरकार के पास राज्यसभा में बहुमत नहीं था। इसी वजह से कृषि कानूनों से जुड़े हुए बिल को वॉइस वोट से पास करवाया गया। इतना ही नहीं जब किसानों का आंदोलन शुरू हुआ तो केंद्र सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र को भी कोरोना की बात कहकर नहीं बुलाया, ताकी इन तीनों कृषि कानूनों को लेकर संसद में भी सवाल न उठाए जा सकें। जबकि देशभर में चुनाव प्रचार चलते रहे और चुनाव होते रहे।

किसानों की 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली को लेकर किसान संसद समिति के सदस्य प्रशांत भूषण ने कहा की क्या किसानों को गड़तंत्र दिवस मनाने का हक़ नहीं है। क्यों सरकार इसको दबाना चाहती है। इतने दिनों से शांतिपूर्वक आंदोलन चल रहा है तो अब हिंसा की बात क्यों आ रही है। वहीं समिति के अन्य सदस्यों ने कहा कि 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली का समर्थन करते हुए सिविल सोसाइटी के सदस्य भी दिल्ली में कई जगहों पर नजर आएंगे।

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