नई दिल्ली। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा कि किसान संगठनों को कृषि कानूनो को रद्द करने की मांग के बजाए कानून में संशोधन के प्रस्ताव रखने चाहिए। आठवले ने शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस सहित विपक्षी दल किसानों को गुमराह कर रहे है, जबकि केंद्र सरकार किसानों का सम्मान करती है और कृषि कानूनों में किसानों की आपत्तियों के मद्देनजर संशोधन के लिये तैयार है।
उन्होंने कहा कि किसान संगठनों को संसद में पारित कानूनों को और वापस लिए जाने की मांग से पीछे हटकर संशोधन की दिशा में बढ़कर आंदोलन को समाप्त करना चाहिये। आठवले ने कहा कि देश के किसानों की आय दोगुना करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है और पिछले छह वर्षो में किसानों की भलाई के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए हैं। उन्होने कहा है कि केंद्र के प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के माध्यम से 10.59 करोड़ किसान परिवारों को 95,969 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
उन्होंने कहा,‘‘सरकार ने वर्ष 2013-14 की तुलना मे ढ़ाई गुना ज्यादा राशि से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की ख़रीद की है। इसके अलावा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से साढ़े छ करोड़ किसानो को लाभ पहुचाते हुये 87,000 करोड़ रुपये से अधिक के दावो का भुगतान किया है। उन्होने कहा कि इसी प्रकार संस्थागत कृषि ऋण वर्ष 2019-20 मे 13.92 लाख करोड़ हो गया है जो कि वर्ष 2013-14 से 6.62 लाख रुपये अधिक है।’’
आठवले ने जाति आधारित जनगणना की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि जाति आधारित जनगणना से जातिवाद को बढ़ावा नहीं मिलेगा बल्कि इससे सरकार को सभी जाति वर्ग के लोगों के हितों से जुड़ी कारगर नीतियाँ बनाने में मदद मिलेगी।
आठवले के साथ फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली फिल्म अभिनेत्री पायल घोष भी मौजूद थीं। पायल घोष ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र पुलिस ने चार महीने बीत जाने के बाद भी अनुराग कश्यप के ख़लिाफ दी गयी उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि जाँच में देरी से न्याय में देरी होती है और अनुराग कश्यप जैसे प्रभावशाली लोग सजा से बच जाते है। उन्होंने कहा कि वह गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर उनसे न्याय की अपील करेंगी।