अनुच्छेद 370 के हटने के बाद ही केन्द्र सरकार ने वहां पर इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी थी। इसकी वजह वहां पर अफवाहों को फैलने से रोकना था। इसके साथ ही वहां पर कुछ नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। इनमें महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला के भी नाम शामिल हैं। शुक्रवार देर रात कश्मीर में इंटरनेट बहाल हो गया। इंटरनेट सेवा बहाल होते ही महबूबा मुफ्ती ने चुप्पी तोड़ दी। उन्होंने ट्विटर पर उमर अब्दुल्ला के लिए ये बयान दिया है।
केन्द्र सरकार ने पांच महीने पहले इंटरनेट पर रोक लगा दी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस फैसले पर सवाल उठाए थे और इंटरनेट को बुनियादी सेवाओं का हिस्सा बताया था। इसके बाद ही केन्द्र सरकार पर इंटरनेट सेवा बहाल करने का दबाव था। शुक्रवार देर रात सरकार ने इंटरनेट पर हटी रोक तो हटा ली लेकिन अभी सिर्फ 2जी सेवाएं ही बहाल की हैं।
कश्मीर में इंटरनेट शुरू होते ही पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी चुप्पी तोड़ दी। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से उमर अब्दुल्ला का समर्थन कर दिया है। महबूबा ने कहा है कि जो लोग उमर अब्दुल्ला की नजरबंदी को उदासीनता से देख रहे हैं, उन लोगों को याद दिला दूं कि वो 6 महीने से अपने परिवार और नजदीकी लोगों से दूर रहे हैं। महबूबा मुफ्ती बोलीं कि इसलिए ट्विटर और दूसरी चीजें उनकी प्राथामिकता में बहुत बाद में आती हैं।