नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने गुरुवार को कहा कि जनता तक पहुँच बनाने के लिए लोक सभा और विधान सभाओं में सीटें बढ़ाने की जÞरूरत है। मुखर्जी ने गुरुवार को यहाँ निर्वाचन आयोग द्वारा आयोजित पहले सुकुमार सेन स्मृति व्याख्यान में कहा कि इस समय देश में औसतन 16-18 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व एक सांसद करता है। ऐसे में जनता तक पहुँच पाना मुश्किल है। देश की आबादी के अनुसार लोक सभा में कम से कम एक हजार सांसद होने चाहिए। इसी तरह राज्य सभा और विधान सभाओं में भी प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ानी होगी।
उन्होंने कहा कि लोक सभा में अंतिम बार सीटों की संख्या 1977 में बढ़ायी गयी थी। यह बढ़ोतरी 1971 की जनगणना के आधार पर की थी जब जनसंख्या महज 55 करोड़ थी। उसके बाद से सीटों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं की गयी। नतीजा यह हुआ कि 2011 की जनगणना के आधार पर हर लोक सभा क्षेत्र में औसतन 16 लाख मतदाता हो गए। इसके बावजूद जब भी सीटें बढ़ाने की बात होती है तो तमाम चुनौतियां सामने आ जाती हैं। पूर्व राष्ट्रपति ने 17 वीं लोक सभा में महिलाओं की सर्वाधिक 14.6% भागीदारी पर ख़ुशी जताते हुए कहा कि संसद और विधान सभा में उनकी समुचित भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करने होंगे।