मेरठ। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर विपक्ष के रवैये पर निराशा व्यक्त करते हुये रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में नरकीय जीवन जी रहे शरणार्थियों को नागरिकता दिये जाने का प्रावधान करके भारत ने अपने धर्म का पालन किया है। शताब्दीनगर स्थित माधवकुंज में बुधवार को सीएए के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुये सिंह ने कहा कि विडंबना है कि विपक्ष सीएए को धर्म के चश्मे से देख रहा है। इस कानून को हिन्दू,मुसलमान के आधार पर देखा जा रहा है लेकिन कोई कितने भी भ्रम फैला ले, जनता इस सच को जान चुकी है कि सीएए नागरिकता देने के लिए है, किसी की नागरिकता लेने के लिए नहीं है। उन्होने कहा कि लोकसभा चुनाव के समय भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में किये वादे को निभाते हुए सीएए को लागू किया है।
सीएए को लेकर विपक्षी दल लगातार भ्रांतियां फैला रहे है। यह कानून हमने पिछली बार बनाया था लेकिन लागू नहीं हो पाया था। इस बार यह कानून लागू हो गया। सिंह ने विपक्षी दलों द्वारा सीएए के विरोध को गलत बताते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने 26 सितम्बर 1947 को प्रार्थना सभा में खुले तौर पर घोषणा की थी कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिख हर नजरिये से भारत आ सकते है, यदि वे वहां निवास नहीं करना चाहते है, उस स्थिति में उन्हें नौकरी देना और उनके जीवन को सामान्य बनाना भारत सरकार का पहला कर्तव्य है। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यक नरकीय जीवन जी रहे थे, ऐसे शरणार्थियों को नागरिकता दिये जाने का प्रावधान करके भारत ने अपने धर्म का पालन किया है। इस मौके पर प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक, केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान, कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा लक्ष्मीकांत वाजपेई समेत कई नेता और विधायक मौजूद रहे।