मुंबई। हाल ही में हुए एक शोध ने इसे न सिर्फ सच साबित कर दिया है, बल्कि इसके पुख्ता सबूत भी दिए हैं। गायें बहुत भावुक होती हैं और वे आपस में बातें भी करती हैं। इतना ही नहीं वे अपने सुख-दुख भी आपस में बांटती हैं। यह दावा है सिडनी विश्वविद्यालय में हुए एक शोध का। शोध के अनुसार अपने रंभाने के तरीके में परिवर्तन करके गाय बातें करती हैं।
शोधकर्ता एलेक्जेंड्रा ग्रीन का कहना है कि गायें सामाजिक पशु हैं। एक अर्थ में यह आश्चर्यजनक नहीं है कि वे अपने पूरे जीवन में अपनी व्यक्तिगत पहचान पर जोर देती हैं। यह पहली बार है जब हम इस विशेषता के निर्णायक साक्ष्य के लिए आवाज का विश्लेषण करने में सक्षम हुए हैं। अध्ययन में पाया गया कि गाय झुंड के संपर्क में रहने में, संकट व्यक्त करने में, डरने में, खुश और परेशान होने पर अपनी आवाज का इस्तेमाल करती है।
ग्रीन का कहना है कि जिस तरह हर इंसान की आवाज अलग-अलग होती है, ठीक वैसे ही गायों की आवाज भी अलग-अलग होती है। इस शोध में 333 गायों की आवाज के नमूने लिए गए और उनका विश्लेषण किया गया। जिसके बाद शोधकर्ता इस निर्णय पर पहुंचे कि वैसे तो सभी जानवर आपस में बातें करते हैं, लेकिन गाये अधिक विस्तृत और अलग-अलग मूड के अनुसार दूसरी गायों से बातें करती हैं।