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कश्मीर में मुसलमानों ने करवाई शिवमंदिर की मरम्मत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 19 2020 12:10PM | Updated Date: Jan 19 2020 12:10PM
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नई दिल्‍ली। पुलवामा के अच्छन गांवों में हिंदुओं और मुसलमानों ने मिलकर एक मंदिर का जीर्णोद्धार किया है। ये वो इलाका है जहां आतंकियों की मजबूत पकड़ है। इस मंदिर का नाम स्वामी जगरनाथ अस्थापन है। इस हफ्ते मंदिर में पूजा-पाठ का काम शुरू हो जाएगा।
 
80 साल पुराने इस मंदिर की दीवारें ढहने लगीं थीं। दीवारों के साथ छतें कमजोर पड़ रही थीं। जिसे इलाके के हिंदू और मुसलमानों ने मिलकर ठीक कर दिया। दीवारों की मरम्मत करके उसे सीमेंट से मजबूत किया गया। रंगरोगन किया गया। छतों की भी मरम्मत हुई। ये भगवान शिव का मंदिर है। हालांकि इस मंदिर में मरम्मत का काम तब भी चल रहा था जब पुलवामा में बड़ा आ’तंकी हमला हुआ। इसके बाद कश्मीर के बाहर के राज्यों में कश्मीरी छात्रों, व्यापारियों और व्यवसायियों को निशाना बनाया जाने लगा। तब एक महीने से ज्यादा समय तक यहां काम रुका रहा। लेकिन उसके बाद ये फिर शुरू हो गया।
 
इलाके के मुस्लिमों ने ना केवल मंदिर में काम करने वाले मजदूरों को चाय सर्व की, बल्कि ये भी देखते रहे कि मंदिर का काम कैसा चल रहा है। 1990 के दशक से पहले अच्छन में 60 पंडित परिवार रहते थे। इसके बाद स्थानीय कश्मीरी पंडित परिवार यहां से बाहर जाने लगे, क्योंकि तब ये गांव आ’तंकवाद की चपेट में आ चुका था। केवल भूषण लाल का परिवार ही यहां रुका रहा। मंदिर का जिम्मा इसी परिवार के कंधे पर आ गया, जो पिछले 25 से ज्यादा सालों से मंदिर में पूजा कर रहा था। साथ ही इसकी देखभाल भी। लेकिन पिछले कुछ सालों से मंदिर की हालत खस्ता होने लगी।
 
तब भूषण ने इलाके की मस्जिद कमेटी को मंदिर के हाल के बारे में बताया। भूषण ने मीडिय़ा को बताया, उन्हें मुस्लिम भाइयों का साथ मिला। गांव में केवल एक हिंदू परिवार होने के कारण मुस्लिमों ने मंदिर बनाने में मदद की। मंदिर में पेंटिंग का काम एक मुस्लिम शब्बीर अहमद मीर ने किया। उसका कहना है कि मैंने अपने सारे काम छोड़कर इसे पहले किया, क्योंकि ये हमारी जिम्मेदारी थी। मंदिर के काम में लगे सारे मजदूर भी मुस्लिम ही थे। गांव के एक निवासी गुलाम नबी ने एक स्थानीय अखबार से कहा, 1990 के दशक से पहले हिंदू और मुसलमान यहां मिलकर रहते थे और साथ में त्योहार मनाते थे।
 
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